आदरणीय साथिओ,
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एक पाती
आदरणीय वर्तमान जी ,
सादर प्रणाम !
आशा है आप सकुशल एवं खुश होंगे । हालाँकि यह झूठ है । पत्र लेखन में सदियों से यह झूठ प्रचलन में है सो मैंने भी बोल दिया ।
आगे समाचार यह है कि मेरा मन इन दिनों दुखी चल रहा है क्योंकि कुछ तथाकथित ज़हरीले तत्व आए दिन मुझे बदनाम कर रहे हैं । हिंसा , आगजनी , तोड़फोड़ , गुंडागर्दी , तीखी बयानबाज़ी , सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान , दुकानों , मकानों , सिनेमाघरों , शॉपिंग मॉल आदि को आग के हवाले कर देना जैसे दृश्य मुझसे देखे नहीं जाते । कुछ झंडाबरदार बन के आ जाते तो कोई धर्म के ठेकेदार । मेरे कहने का आशय आप समझ गए होंगे ।
अंत में मैं इतना ही कहना चाहूँगा कि मेरा लेखा-जोखा जब भी लिखा जाय सोच समझकर और एक-एक तथ्य को सच्चाई की कसौटी पर खरा पाकर लिखा जाय । मैं कभी मरता नहीं । हर सदी में प्रकट हो जाता हूँ ।
सत्य-अहिंसा , धर्म , चरित्र और दयाशीलता को मेरा प्रमाण कहना ।
आपका व्यथित भाई
इतिहास
मौलिक एवं अप्रकाशित ।
पत्रलेखन शैली में लिखी गई कथा के लिये बधाई आद०मोहम्मद आरिफ़ जी ।
हार्दिक आभार आदरणीया नीता कसार जी । सादर ।
प्रदत्त विषय पर बहुत कम शब्दों में सांकेतिक और विचारोत्तेजक सृजन की एक बढ़िया पेशकश। तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब।
लघुकथा पर निरपेक्ष प्रतिक्रिया देकर सफल बनाने और हौसला अफज़ाई का बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी । सादर ।
आद0 मोहम्मद आरिफ जी सादर अभिवादन। वर्तमान परिदृश्य के कटु सत्य को उजागर करती बेहतरीन पत्रलेखन शैली में लघुकथा के लिए बधाई आपको।
एक बात अपनी जानकारी के लिए मंच से जानना चाहूंगा कि इस तरह के पत्र के माध्यम से भी लघुकथा होती है क्या? क्योकि इसमे मोनोलॉग है।। सादर
यह मोनोलोग नही है भाई सुरेन्द्र नाथ सिंह जी, लघुकथा में इस विशिष्ट शैली को पत्र-शैली कहा जाता है. इस शैली में लघुकथा कहना काफी कठिन होता है, यही कारण है कि इस शैली की लघुकथाएँ बहुत कम देखने को मिलती हैं.
लघुकथा पर निरपेक्ष राय देंगे और हौसला अफज़ाई का बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेंद्रनाथ जी । सादर ।
क्या कहने हैं आ० मोहम्मद आरिफ जी, पत्र-शैली में लिखी हुई यह लघुकथा न केवल प्रदत्त विषय से ही पूर्ण न्याय कर रही है बल्कि सच्चाई से रू-ब-रू भी करवा रही है.
//सत्य-अहिंसा , धर्म , चरित्र और दयाशीलता को मेरा प्रमाण कहना //
यह पंक्ति तो वाह!!!
इस उत्कृष्ट लघुकथा हेतु बहुत बहुत बधाई पेश करता हूँ.
लघुकथा पर अपनी अमूल्य , निरपेक्ष प्रतिक्रिया देने , हौसला अफज़ाई और अनुमोदन का बहुत-बहुत आभार आदरणीय योगराज प्रभाकर जी । सादर ।
लाजबाब तथ्य व कथ्य आदरणीय आरिफ भाई,बधाई।
बहुत-बहुत आभार आदरणीय मनन कुमार जी । सादर ।
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