आदरणीय साथिओ,
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मोहतरम तस्दीक़ साहब बहुत बहुत शुक्रिया नवाज़िश
आदरनीय आसिफ़ जी, बहुत सचाई पेश कीआप जी ने बधाई हो ।
आदरणीय जनाब मोहन बेगोवाल जी बहुत बहुत शुक्रिया मेहरबानी सादर
आद0 आसिफ़ जैदी साहब सादर अभिवादन। बढ़िया लघुकथा का प्रयास किया है आपने। बधाई स्वीकार कीजिये
आदरणीय जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी बहुत बहुत नवाज़िश शुक्रिया दुआओं के लिए। सादर
प्रदत्त विषय पर बढ़िया लघुकथा हुई है आदरणीय आसिफ़ ज़ैदी जी. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए.
1. //ताश पत्ती के साथ//
2. //मां बाप के की छाँव//
बाकी गुणीजन कह ही चुके हैं. सादर.
आदरणीय महेन्द्र कुमार जी बहुत बहुत दिल की गहराई से शुक्रिया सादर
बेहतरीन रचना द्वारा अपनी जड़ों से जुड़ी यादों के साथ-साथ परिवार का लेखा-जोखा दर्शाती। हार्दिक बधाई स्वीकार कीजियेगा,आदरणीय आसिफ सरजी।
आदरणीय बबीता गुप्ता जी बहुत बहुत शुक्रिया अपना क़िमती समय देने के लिये नवाज़िश आभार सादर
विषय बढ़िया चुना है आपने और लिखा भी अच्छा है. बस आ उस्मानीजी की बातों को संज्ञान में लीजिये, बहुत बहुत बधाई आपको इस रचना के लिए आ आसिफ जैदी साहब
मोहतरम जनाब विनय कुमार जी बहुत बहुत शुक्रिया पहला तजुर्बा है महान रचनाकारों के बीच गाढ़ी हिन्दी भी समझने की कोशिश कर रहा हूँ उम्मीद है आप परिवार के लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा सादर
आखिरी दौरा
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राखी को आज फिर दौरा पड़ा था । करीब दो अढ़ाई वर्ष हो गए थे यह सिलसिला शुरू हुए .। मध्यम वर्गीय परिवार था रमा का । पति पत्नी ,एक लड़की ,दो लड़के ,। खाता पीता घर , मधुर स्वभाव , हाउसिंग सोसायटी में फ्लैट , पड़ोसियों से अच्छा मेल मिलाप ।
तभी एक दिन राखी के स्कूल से फोन आया था । उसको पहला दौरा पड़ा था । घर लाकर अच्छे से अच्छा डॉक्टर दिखाया गया ।कुछ दिनों नर्सिंग होम में भी रखा गया ।सभी पास पड़ोसी मिलने आए ,सहानुभूति प्रकट की । डॉक्टर की सलाह पर स्वास्थ्य बर्धक फल ,पथ्य की व्यवस्था रखी गई । सब ठीक हो रहा था कि चार महीने बाद फिर राखी को वही मिरगी का दौरा पड़ा । फिर वही क्रम ....।
धीरे धीरे दो महीने चार महीने से दौरों का क्रम चलने लगा । ईलाज के पैसे कमाई के पैसों पर भारी पड़ने लगे । अच्छा मुहल्ला छोड़ कर स्तरहीन मोहल्ले में एक कमरे का छोटा सा घर लेना पड़ा । दोनों लड़कों के स्कूल भी सार्वजनिक हो गए जहाँ से वे पढ़ाई से ज्यादा असंस्कृत वार्तालाप ज्यादा सीख कर आते थे । खाना दाल रोटी में सिमट गया ।
डॉक्टर ने कह दिया कि इस का इलाज तो नहीं है और कि कोई भी दौरा आखिरी दौरा हो सकता है ।
पिछले कई दौरों से रमा को अब यही आस हो गई थी शायद यह दौरा वही आखिरी दौरा हो ....!!!!
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