For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-48 (विषय: जागृति)

आदरणीय साथिओ,

सादर नमन।
.
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-48 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है, प्रस्तुत है:
.
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-48
"विषय: "प्रेरणा" 
अवधि : 30-03-2019  से 31-03-2019 
.
अति आवश्यक सूचना :-
1. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक हिंदी लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
2. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना/ टिप्पणियाँ केवल देवनागरी फॉण्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड/नॉन इटेलिक टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
3. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है। 
4. एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है। गत कई आयोजनों में देखा गया कि कई साथी अपनी रचना पोस्ट करने के बाद गायब हो जाते हैं, या केवल अपनी रचना के आस पास ही मंडराते रहते हैंI कुछेक साथी दूसरों की रचना पर टिप्पणी करना तो दूर वे अपनी रचना पर आई टिप्पणियों तक की पावती देने तक से गुरेज़ करते हैंI ऐसा रवैया कतई ठीक नहींI यह रचनाकार के साथ साथ टिप्पणीकर्ता का भी अपमान हैI
5. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति तथा गलत थ्रेड में पोस्ट हुई रचना/टिप्पणी को बिना कोई कारण बताये हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
6. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका, अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल/स्माइली आदि लिखने /लगाने की आवश्यकता नहीं है।
7. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
8. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें। 
.    
.
यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.
.
.
मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
ओपनबुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 5103

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

सच्ची देशभक्ति को जाग्रत करती बेहतरीन रचना के लिए बधाई स्वीकार कीजिएगा आदरणीय तासिक सरजी ।

जागृति
---
-मैं तुम्हें छाँह देता हूँ।जिंदगी की आस हूँ।.....रहूँगा भी.....।' छतनार बरगद दंभी आवाज में प्रलाप कर रहा था। कुछ अशक्त पक्षी घोसलों में बैठे हुए, और कुछ अति दुर्बल पशु उसकी जड़ में बैठे हुए उसे सुन रहे थे।
-औरों के हिस्से की हवा और रोशनी भी तो डकारते हो,भाईजान', एक आवाज गूँजी।
-कौन हो तुम?ऐसी बदतमीजी की सजा मेरी रिआया देगी तुम्हे',बरगद गुर्राया।
-गुस्ताखी माफ़ मेरे भाई!मुझे नीम कहते हैं।जरा कड़वा हूँ।
-तभी तो ऐसी नागवार बातें करते हो।
-यह नागवारी आपकी खुदगर्जी की मिसाल है भाईजान।
-कैसे?
-क्योंकि जिन्हें तुम अपनी रिआया कह रहे हो,उन्हें तुमने उनके पैरों पर खड़े होने की नौबत ही न आने दी।बस कुछ ले-देकर राज करते रहे।
-यह सब गलत है।मैंने इन्हें छाँव दी है,जिंदगी दी है।
-जिंदगी तो परमात्मा की नेमत है।और महज छाँव से मजबूती नहीं मिलती।धूप चाहिए,धूप।और तुम वह पूरा का पूरा डकार जाते हो।
-और तुम?
-मैं आरोग्यकारी हूँ।
-तीखापन से?
-हाँ।मेरा तीखापन सच्चाई का है।इमानदारी का है,कर्मठता का है।और मेरी गुठली खुद में मिठास सँजो कर रखती है।यह सेहत और सौहार्द्र की प्रतीक है।
-बस करो।मैं ऐरे-गैरों के मुँह नहीं लगता।मेरी जनता मेरे साथ है।पूछ लो।
-नहीं रे नासपीटे,कभी नहीं।हम तो अपने बच्चों की राह देख रहे हैं,जो नीम की गिलौरियाँ लेने गये हैं।वे गिलौरियाँ ही हमारे ध्येय हैं,हमारे चंगापन के कारक हैं', बरगद के दायरे में पड़े पंछी एवं मवेशी समवेत स्वर में आवाज लगाने लगे।
"मौलििक व अप्रकाशित"

आदाब। बहुत ही उम्दा और ज्ञानवर्धक विचारोत्तेजक रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब। क्या बरगद के वृक्ष की जड़ से लेकर फल/छाल/बीज/शाखा किसी का जड़ी-बूटी या चिकित्सा आदि में कोई उपयोग नहीं होता?

आदरणीय उस्मानीजी,बहुत बहुत शुक्रिया आपका।यहाँ बरगद के केवल ढाँप लेने(सघन छाँव) की प्रवृत्ति पर सांकेतिक तौर पर विचार करने का प्रयास किया गया है।सफलता-असफलता का विवेचन सुधी पाठकों का अधिकार है।

जी। इस सफल लघुकथा संबंधित एक जानकारी भर चाही है मैंने।

जी,दवाएँ तो वस्तुतः वनस्पतियों वाली ही ज्यादा कारगर होती हैं।बैच फ्लावर से सम्बंधित कई लघुकथाएँ इस मंच को समर्पित कर चुका हूँ मैं।

जानकारी हेतु शुक्रिया जनाब।

  1. जनाब मनन कुमार साहिब  , अच्छी लघुकथा हुई है मुबारकबाद क़ुबुल फरमाएं l 
  • जी शुक्रिया आदरणीय तसदीक साहिब।

जनाब मनन कुमार सिंह जी आदाब,प्रदत्त विषय पर अच्छी लघुकथा लिखी आपने,बधाई स्वीकार करें ।

बहुत बहुत शुक्रिया एवं आदाब आदरणीय समर जी।

वाह, बहुत बढ़िया और प्रभावशाली रचना लिखी है आपने प्रदत्त विषय पर, सबसे बेहतर तो वही होता है जो औरों को भी बराबरी का मौका दे. बहुत बहुत बधाई इस शानदार रचना के लिए आ मनन कुमार सिंह साहब

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर  होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर ।उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service