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आदरणीय लक्ष्मण सर, दान को परिभाषित करती बहुत बढ़िया लघुकथा हुई है. इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.
सुन्दर कथा के लिए हार्दिक शुभकामनायें...आ० लडीवाला जी..
हार्दिक आभार आपका आदरणीया सीमा सिंह जी | सादर
आदरणीय लक्ष्मण रामानुज लडीवाला जी, लघुकथा का संदेश और स्पष्ट किया जा सकता है।
जी | श्री विनोद खनगवाल जी | सन्देश और स्पष्ट करने के लिए आपके विचारों का स्वागत है | कुछ बाताये | सादर
अर्थात ऐसा त्याग जिससे आप अर्थहीन या शक्तिहीन होने तक सर्वस्व न्योछावर करने को तत्पर रहे, और जिसे देकर भी आप को कोई मलाल न हो, वही असल दान है | बिना त्याग व समर्पण की भावना के कैसा दान ? वाह दान की अनूठी परिभाषा! अच्छी प्रस्तुति के लिए बधाई आदरणीय लडीवाला साहब!
पूजा पथ, त्याग, समर्पण और दान का कथ्य लेकर रची लघु कथा सराहने के लिए हार्दिक आभार श्री जवाहर लाल सिंह जी |
सादर
लघु कथा पसंद करने के लिए हार्दिक आभार आद. Nita Kasar जी | सादर
लघु कथा पसंद करे सराहने के लिए हार्दिक आभार श्री वीरेंद्र वीर मेहता जी
आदरणीय लक्ष्मण प्रसादजी, आपकी प्रस्तुति ने दान को परिभाषित किया है.
आपका सादर आभार
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