For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"OBO लाइव तरही मुशायरे"/"OBO लाइव महा उत्सव"/"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता के सम्बन्ध मे पूछताछ

"OBO लाइव तरही मुशायरे"/"OBO लाइव महा उत्सव"/"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता के सम्बन्ध मे यदि किसी तरह की जानकारी चाहिए तो आप यहाँ पूछताछ कर सकते है !

Views: 12238

Reply to This

Replies to This Discussion

आप मुझे शाम में फ़ोन कर लें मैं गा कर कोशिश करूँगा कि आपको धुन बता सकूँ |

०९४३१२८८४०५

yahi message box me likh de to achha rahega.....waise mai phone bhi kar sakta hu...jaisa aap kahe...

aadarniye admin sir is bar ke live tarahee mushayre 25 mein jo misra diya gaya hai uski bahar ka naam nahin bataaya gaya hai ...har bar ki tarah is bar bhi bahar ka naam de diya jaye to achcha hoga 

भाई शरीफ़ अहमद क़ादरी ’हसरत’ साहब,  इस बार के मुशायरे (अंक 25) में दिया गया मिसरा है - यह हमारे वक़्त की सबसे सही पहचान है .  इस बह्र का नाम है -  बहरे रमल मुसमन महज़ूफ़

धन्यवाद.

  • "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" के इस अंक से प्रति सदस्य अधिकतम दो गज़लें ही प्रस्तुत की जा सकेंगीं |
  • शायर गण तरही मिसरा मतले में इस्तेमाल न करें
  • वे साथी जो ग़ज़ल विधा के जानकार नहीं, अपनी रचना वरिष्ठ साथी की इस्लाह लेकर ही प्रस्तुत करें.


    jay ho jai ho

    dil khush ho gaya yah padh kar

जानकारी के लिए आपका धन्यवाद..! अब एक ग़ज़ल के लिए मेहनत नहीं करनी पड़ेगी.. मगर एक कमी भी रह जाएगी.. अभ्यास की..!!

नये नियम समीचीन हैं.

सादर

namaskar admin sir is bar ke tarahi mushayre 31 me jo misra diya gaya hai isme bataya gaya he ki mool ghazal me 8 ruqn hein lekin yahan par 4 ruqni misra diya gaya he ....mujhe ye jan na he ki humko ghazal 4 ruqni kehni he ya 8 ruqni ........krpiya samjha dein.........

हसरत साहब जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि मुशायरे में दिया गया मिसरा ४ रुकनी ही है इसलिए आपको अपनी गज़लभी ४ रुकनी मिसरों पर ही कहनी है| दूसरी बात यही कि तरही मिसरा आपको लेना ही है ..किसी भी शेर के मिसरा ए सानी में तो अपने आप गाज़ल ४ रुकनी हो जायेगी .....बहरे मुतकारिब मुसम्मन सालिम अर्थात फऊलुन फऊलुन फऊलुन फऊलुन| 

आपको मूल ग़ज़ल से कुछ भी लेना देना नहीं है, वो तो केवल जानकारी हेतु मंच संचालक जी ने बताया है, आप केवल तरही मिसरा पर ध्यान दें जो केवल 4 रुक्न का है अतः आपकी ग़ज़ल भी 4 रुक्नों की ही होगी ।

dhanyawad sir

तरही   मुशायरे  32 के  लिए तरही   ग़ज़ल।

     युग मशीनों का इंसा बेकाम है

     नित नए खोजों का ये अंजाम है।

     होठ पे मय के छलकते जाम है

     नाम उनके ही गुज़रती शाम है।

     कर गए जो काम करना था किया

     अब यहाँ आराम ही आराम है।

     सिल के मुह बैठे रहो तो ठीक है

     खुल गया जो मौत ही ईनाम है।

     हाथ के छालों को देखा "मन्जरी "

     फूट कर भी मिल न पाया दाम है।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद पटल पर आपकी मुग्ध करती गजल से मन को असीम सुख…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Nov 17
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Nov 17
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Nov 17
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Nov 17
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Nov 17

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service