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बाल साहित्य Discussions (213)

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बाल साहित्य (गीत )

बाल गीत ------------ छुट्टी आई छुट्टी आई । हर बच्चे ने ख़ुशी मनाई । 1 . मैथ से आख़िर रिश्ता टूटा    होम वर्क से पीछा छूटा     करना है अब किस…

Started by Tasdiq Ahmed Khan

4 Apr 24, 2016
Reply by Tasdiq Ahmed Khan

सदस्य टीम प्रबंधन

अधूरी कहानी को पूरा कीजिये.....

प्रिय साथियो , बच्चों की अनगिन बातें और उनके मन में उठते हज़ारों सवाल ! जिन्हें सुलझा पाना आसान नहीं.. आज के इस प्रतिस्पर्धा के तकनीकी युग…

Started by Dr.Prachi Singh

26 Apr 20, 2016
Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़')

बैसाखी मेला(बालगीत) आधार-चौपाई छंद

गया पुराना साल अभी तो नए साल की आई बेला। फसल पकी अब झूम रही है लगता है बैसाखी मेला।। करें याद गुरू गोविन्द को याद पंज प्यारे भी आएँ अरदासे…

Started by सतविन्द्र कुमार राणा

2 Apr 20, 2016
Reply by सतविन्द्र कुमार राणा

हाथी आया-हाथी आया (बाल साहित्य)

हाथी आया-हाथी आया बच्चों ने हुडदंग मचाया हाथी आया-हाथी आया। गलियों में जो खेल रहे थे बनाकर अपनी टोलियाँ देखा जब उन्होंने हाथी गलियों में ख…

Started by सुरेश कुमार 'कल्याण'

0 Apr 14, 2016

बाल गीत(चौपई छंद)

भीड़ बहुत सड़कों पर आज चल सम्भलकर आओ बाज चलना हो जो बाईं ओर ना हो फिर चोटों का ठोर। जो चलना हो दाईं ओर चोटें लग सकती हैं जोर अगर बड़े चलत…

Started by सतविन्द्र कुमार राणा

2 Mar 14, 2016
Reply by सतविन्द्र कुमार राणा

पढने चलो गुड़िया रानी ।

रोना छोडो गुड़िया रानी । पढ़ने चलो छोड़ मनमानी । चलो उठाओ बस्ता अपना ,  करो  ना कभी आनाकानी । चलो कदम बढ़ाओ आगे , बढ़ते जाओ सीना तानी । ग…

Started by Shyam Narain Verma

1 Mar 13, 2016
Reply by सतविन्द्र कुमार राणा

टुकटुक की दिवाली

टुकटुक की दिवाली आज दिवाली आई,खुशियाँ सबसे मन में लाई । पर पीपल के पेड़ पे बैठे ,टुकटुक की आफत आई। दिन होते ही ज़ोर- ज़ोर से बच्चे बम हैं छुट…

Started by Mamta

3 Nov 23, 2015
Reply by Mamta

बाल गीत - वो जो जले दीप

वो जो जले दीप उम्मीदों का  तो सफल है दीपावलीवो जो जले दीप मुस्कानों का तो सफल है दीपावली रोशनी से ज्ञान की, चमका लें हमारा भालकरें जो मेहन…

Started by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani

3 Nov 11, 2015
Reply by Saurabh Pandey

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ठंढा-ठंढा बहता पानी (बाल-गीत) // --सौरभ

चलो नहायें उछल-कूद के ठंढा-ठंढा बहता पानी गर्मी के मौसम में आखिर चलती गर्मी की मनमानी चापाकल का या नदिया का या फिर तालाबों का पानी र…

Started by Saurabh Pandey

8 Nov 5, 2015
Reply by kalpana bhatt

दादा जी अब कब आयेंगे ( बाल गीत )कान्ता राॅय

दादाजी अब कब आयेंगे (बाल गीत) सोन परी हम कथा सुनेंगे दादाजी की छड़ी पकड़ कर हम उनको लाढ दिखायेंगे दादाजी अब कब आयेंगे अंगूली थामें बडी अ…

Started by kanta roy

13 Jul 6, 2015
Reply by Shyam Narain Verma

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मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
10 hours ago

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मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
10 hours ago

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मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
16 hours ago

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Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
18 hours ago

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मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
yesterday

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मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
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मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र जी समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरा कटाक्ष करती बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने है, आज समाज…"
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मिथिलेश वामनकर updated their profile
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
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