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राजस्थानी साहित्य Discussions (17)

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राजस्थानी भाषा में दोहे

एक प्रयास ( राजस्थानी भाषा  में दोहे ) छोरी चाली सासरे ,पकड़ बींद रो हाथ।बाबुल रो घर छोड़ियो , बींद बणायो नाथ ।। बाबुल रो घर छोड़यो, बींद बण…

Started by Sushil Sarna

0 Dec 18, 2022

किशोर छंद

किशोर छंद किशोर मुक्तक "कोरोना" भारी रोग निसड़लो आयो, कोरोना,सगलै जग मैं रुदन मचायो, कोरोना,मिनखाँ नै मिनखाँ सै न्यारा, यो कीन्योकुचमादी च…

Started by बासुदेव अग्रवाल 'नमन'

0 Dec 9, 2021

हेली गीत "परदेशाँ जाय बैठ्या"

हेली गीत "परदेशाँ जाय बैठ्या" परदेशाँ जाय बैठ्या बालमजी म्हारी हेली!ओळ्यूँ आवै सारी रात।हिया मँ उमड़ै काली कलायण म्हारी हेली!बरसै नैणां स्…

Started by बासुदेव अग्रवाल 'नमन'

0 Apr 26, 2021

जकड़ी गीत "आसरो थारो बालाजी"

जकड़ी गीत "आसरो थारो बालाजी" आसरो थारो बालाजी, काज सब सारो बालाजी।भव सागर से पार उतारो, नाव फंसी मझ धाराँ जी।। जद रावण सीता माता नै, हर लं…

Started by बासुदेव अग्रवाल 'नमन'

0 Apr 26, 2021

गीत (रोज सुणै है कै)

रोज 'सुणै है कै' कै बाळो जद बोल्यो 'सुण धापाँ'।सुणकै मुळकी, हुयो हियो है तब सै बागाँ बागाँ। आज खटिनै से बागाँ माँ ये कोयलड़ी कूकी,पाणी सिंच…

Started by बासुदेव अग्रवाल 'नमन'

0 Aug 30, 2020

एक राजस्थानी मुसल्सल ग़ज़ल -यादड़ल्याँ रा घोड़ां ने थे पीव लगावो एड़ |

एक राजस्थानी मुसल्सल ग़ज़ल ***यादड़ल्याँ रा घोड़ां ने थे पीव लगावो एड़ | सुपणे मांयां आय पिया जी छोड़ो म्हासूँ छेड़ | १| ***इंया तो म्हें गेली प्र…

Started by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत '

0 Jan 11, 2019

सावण सूखो क्यूँ !

सावण सूखो क्यूँ ! इबकाळ रामजी न जाण के सूझी, क बरसण क दिनां मं च्यारूँ कान्या तावड़ की  बळबळती सिगड़ी सिलागायाँ बठ्यो है | जठे देखो बठे ई…

Started by Ganga Dhar Sharma 'Hindustan'

0 Mar 4, 2016

बिठाऊँ केइया नाव म- - -- - - (राजस्थानी गीत)

बिठाऊँ केइया नाव म- - -- - -   छोटी सी या म्हारी  है नाँव, जादू भरया लागे थारा पाँव | मनै डर सता रह्यों है राम, थानै बिठाऊँ केइया नाँव में…

Started by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला

0 Jun 27, 2015

राजस्थानी कविता उत्सव 26 फरवरी से 28 फरवरी तक आयोजित

राजस्थानी साहित्य प्रेमियों को यह जानकार प्रसन्नता होगी कि साहित्य अकादमी, दिल्ली और राजस्थान अध्ययन केंद्र, राजथान यूनिवर्सिटी, जयपुर के स…

Started by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला

1 Feb 27, 2015
Reply by डिम्पल गौड़

धरती रंग सुरंगी ...

धरती रंग सुरंगी सी  मन मां रस जगावे रे  ऊँचा ऊँचा टीबा इण रां जीवण री आस जगावे रे लहर लहर लहरियों उड़ उड़ आसमान पर छावे रे पंछी भी तो गीत ध…

Started by डिम्पल गौड़

0 Feb 15, 2015

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"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
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"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
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"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
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