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भोजपुरी साहित्य Discussions (247)

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मुख्य प्रबंधक

कम उमिर में बियाह के फायदा (भोजपुरी व्यंग)

कम उमिर में बियाह के फायदा (भोजपुरी व्यंग)   ललउ काका आजू खीस में आग भउरा भईल रहन, आपन बड़का लईका के मन भर गाजत रहन, हमरा बात ना बुझाइल त त…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

7 Dec 24, 2012
Reply by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA

मुख्य प्रबंधक

भोजपुरी भाषा के संवैधानिक मान्यता देवे के राह के तकनिकी बाधा दूर भईल : आर के सिंह

नई दिल्ली 12 दिसम्बर 2012, केन्द्रीय गृह मंत्रालय के आमंत्रण पर बिहार भोजपुरी अकादमी के अध्यक्ष प्रो रविकांत दुबे जी भोजपुरी भाषा के भारतीय…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

3 Dec 15, 2012
Reply by mrs manjari pandey

लघुकथा : बियाह कटवा

शुक्ला जी गाँव के चौउराहा प पहुँच के, एने-ओने ताके लगले ! जईसे कुछ खोजत होखस ! फेर जाके बरगद के पेड़ तर बईठल एगो आदमी से पूछने, “ई हुशियार प…

Started by पीयूष द्विवेदी भारत

8 Dec 8, 2012
Reply by पीयूष द्विवेदी भारत

हास्य कविता : नवहा मलिकाईन

दिन  भर महभारत  बांचेली ! हमरी  कपार   पर  नांचेली ! अपनी मांगन पर अड़ जाली ! जे मना करी हम लड़ जाली ! कहें हमसे कि जीन्स ले आव, हम नाही पहिन…

Started by पीयूष द्विवेदी भारत

6 Nov 10, 2012
Reply by पीयूष द्विवेदी भारत

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दिवाली : पाँच दोहे (भोजपुरी).. . // सौरभ

नकबेसर के टोह में, अँगुरी मींजे रात । उहे दिवाली आजु ले, सिहरन पारे बात ॥ जम-दीया आ सूप से, भइल दलिद्दर दूर । पुलक गइल घर-देहरी, जगर-मगर…

Started by Saurabh Pandey

4 Nov 7, 2012
Reply by Saurabh Pandey

हँस मत पगली ना त प्यार हो जाई

नैना लडी त दिल के बुखार हो जाई हँस मत पगली ना त प्यार हो जाई भुखीयाँ प्यास तोहरा नाही लागी सुतलो मे ई तोहार अखीयाँ जागी हर चेहरा मे उनके द…

Started by Bishwajit yadav

7 Oct 20, 2012
Reply by Bishwajit yadav

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एगो प्रयास : भोजपुरी "कह मुकरी"

एगो प्रयास : भोजपुरी "कह मुकरी" (१) चोरी छुपे मोहे ताकत बाड़न, टुकुर-टुकुर निहारत बाड़न, कहेलन रानी खालs पिज्जा, ऐ सखी दुलहा, ना रे जीजा !…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

19 Oct 12, 2012
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

मुख्य प्रबंधक

एगो प्रयोग :- भोजपुरी हाइकू

पांच गो भोजपुरी हाइकू (१) यू पी चुनाव शुरू बा कांव कांव जागल गाँव (२) हाथी तोपाई करकस बोलाई हाथों जोड़ाई (३) नेता के फ़ौज लफंगन के मौज…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

20 Oct 12, 2012
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

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जलहरण घनाक्षरी : आम आदमी (भोजपुरी )

जलहरण घनाक्षरी : आम आदमी (भोजपुरी ) चकरी में जोरू संग, दराला आम आदमी, रोज-रोज चउक प, बिकेला आम आदमी |खाली बस चुनाव में, आवेला उ धियान में,ज…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

14 Oct 12, 2012
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

भाई भोजपुरिया हो भाई भोजपुरिया ,

  भाई भोजपुरिया हो भाई भोजपुरिया ,कर ना तुही कुछ जोगार ना त देसवा बिरान हो जाई ,अठारह स संतावन या उनीस स बेआलिस हो ,पड़ल बा तहरे दरकार ना त…

Started by Rash Bihari Ravi

1 Oct 12, 2012
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

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Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"प्रस्तुति को आपने अनुमोदित किया, आपका हार्दिक आभार, आदरणीय रवि…"
21 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
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सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
yesterday

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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
Sunday

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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
Sunday

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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
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अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
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"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
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Jaihind Raipuri joined Admin's group
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"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
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अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
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