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नवगीत /एक परिचयगीत भावाभिव्यक्ति के सबसे सक्षम और सशक्त माध्यम रहे हैं । भक्तिकाल में गीत सूर ,तुलसी मीरा विद्यापति आदि भक्त और अष्टछाप कवियों के माध्यम… Started by seema agrawal |
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Sep 5, 2013 Reply by गिरिराज भंडारी |
सदस्य टीम प्रबंधन दुर्मिल सवैया [दुर्मिल सवैया = सगण X 8]इस लेखमाला के मूल पोस्ट सवैया में सवैया छंद से संबन्धित कई बातों पर समीचीन चर्चा हुई है. उक्त प्रस्तुति में सवैया छंद से संबन्धित बातें,… Started by Saurabh Pandey |
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May 8, 2013 Reply by Saurabh Pandey |
छंद 'कामरूप' : एक परिचयआदरणीय मित्रों, आप सभी के समक्ष महाभागवत प्रजाति का छंद 'कामरूप' प्रस्तुत किया जा रहा है | यह 'बैताल' छंद नाम से भी जाना जाता है | 'मदन'… Started by Er. Ambarish Srivastava |
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Apr 15, 2013 Reply by Dr.Prachi Singh |
छंद सलिला- हरिगीतिका: संजीव 'सलिल'हरिगीतिका: संजीव 'सलिल' ******************************* ( छंद विधान: हरिगीतिका X 4 = 11212 की चार बार आवृत्ति) भिखारीदास ने छन्दार्णव में… Started by sanjiv verma 'salil' |
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Feb 16, 2013 Reply by Saurabh Pandey |
छंद सलिला: उल्लाला (चन्द्रमणि) संजीव 'सलिल'छंद सलिला: उल्लाला (चन्द्रमणि) संजीव 'सलिल' * उल्लाला हिंदी छंद शास्त्र का पुरातन छंद है। वीर गाथा काल में उल्लाला तथा रोल को मिलकर छप्… Started by sanjiv verma 'salil' |
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Jan 31, 2013 Reply by sanjiv verma 'salil' |
सदस्य टीम प्रबंधन अरसात सवैया [भगण X 7 + रगण]अरसात सवैया भी एक भगणाश्रित वृत है. यानि भगण की आवृति में आवश्यक परिवर्तन कर इस वृत की प्राप्ति होती है. भगणाश्रित वृतों में मदिरा सवैया … Started by Saurabh Pandey |
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Jan 30, 2013 Reply by Saurabh Pandey |
छंद त्रिभंगी : एक परिचयछंद त्रिभंगी की परिभाषा: {चार चरण, मात्रा ३२, प्रत्येक में १०,८,८,६ मात्राओं पर यति तथा प्रथम व द्वितीय यति समतुकांत, प्रथम दो चरणों व अ… Started by Er. Ambarish Srivastava |
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Jan 25, 2013 Reply by Er. Ambarish Srivastava |
सदस्य टीम प्रबंधन अरविन्द सवैया [सगण X 8 + लघु]वस्तुतः यह सवैया दुर्मिल सवैया का ही विस्तार सदृश है. अर्थात, आठ सगण के पश्चात एक लघु इस सवैया के होने का कारण है. यानि, अरविन्द सवैया… Started by Saurabh Pandey |
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Dec 16, 2012 Reply by Saurabh Pandey |
सदस्य टीम प्रबंधन महाभुजंगप्रयात [यगण X 8]यगणाश्रित (यगण पर आश्रित) सवैयों में महाभुजंगप्रयात या भुजंगप्रयात सवैयों को लिया जा रहा है. जिसमें यगण की आठ आवृतियाँ वृत का निर्माण करती… Started by Saurabh Pandey |
0 | Dec 7, 2012 |
सदस्य टीम प्रबंधन किरीट सवैया [भगण X 8]मत्तगयंद सवैया पर हम जाकारी प्राप्त कर चुके हैं. जिसके अनसार सात भगण (भानस, ऽ।। ) के पश्चात दो गुरु का संयोग मत्तगयंद सवैया का कारण बनता… Started by Saurabh Pandey |
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Dec 7, 2012 Reply by Saurabh Pandey |
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