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भारतीय छंद विधान Discussions (68)

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नवगीत /एक परिचय

गीत भावाभिव्यक्ति के सबसे सक्षम और सशक्त माध्यम रहे हैं । भक्तिकाल में  गीत सूर ,तुलसी मीरा विद्यापति आदि भक्त और अष्टछाप कवियों के माध्यम…

Started by seema agrawal

14 Sep 5, 2013
Reply by गिरिराज भंडारी

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दुर्मिल सवैया [दुर्मिल सवैया = सगण X 8]

इस लेखमाला के मूल पोस्ट  सवैया  में सवैया छंद से संबन्धित कई बातों पर समीचीन चर्चा हुई है. उक्त प्रस्तुति में सवैया छंद से संबन्धित बातें,…

Started by Saurabh Pandey

27 May 8, 2013
Reply by Saurabh Pandey

छंद 'कामरूप' : एक परिचय

आदरणीय मित्रों, आप  सभी के समक्ष महाभागवत प्रजाति का छंद 'कामरूप' प्रस्तुत किया जा रहा है | यह 'बैताल' छंद नाम से भी जाना जाता है | 'मदन'…

Started by Er. Ambarish Srivastava

9 Apr 15, 2013
Reply by Dr.Prachi Singh

छंद सलिला- हरिगीतिका: संजीव 'सलिल'

हरिगीतिका: संजीव 'सलिल' ******************************* ( छंद विधान: हरिगीतिका X 4 = 11212 की चार बार आवृत्ति)  भिखारीदास ने छन्दार्णव में…

Started by sanjiv verma 'salil'

1 Feb 16, 2013
Reply by Saurabh Pandey

छंद सलिला: उल्लाला (चन्द्रमणि) संजीव 'सलिल'

छंद सलिला: उल्लाला  (चन्द्रमणि) संजीव 'सलिल' * उल्लाला हिंदी छंद शास्त्र का पुरातन छंद है। वीर गाथा काल में उल्लाला तथा रोल को मिलकर छप्…

Started by sanjiv verma 'salil'

7 Jan 31, 2013
Reply by sanjiv verma 'salil'

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अरसात सवैया [भगण X 7 + रगण]

अरसात सवैया भी एक भगणाश्रित वृत है. यानि भगण की आवृति में आवश्यक परिवर्तन कर इस वृत की प्राप्ति होती है. भगणाश्रित वृतों में  मदिरा सवैया …

Started by Saurabh Pandey

6 Jan 30, 2013
Reply by Saurabh Pandey

छंद त्रिभंगी : एक परिचय

छंद त्रिभंगी की परिभाषा: {चार चरण, मात्रा ३२, प्रत्येक में  १०,८,८,६ मात्राओं पर यति  तथा प्रथम व द्वितीय यति समतुकांत,  प्रथम दो चरणों व अ…

Started by Er. Ambarish Srivastava

16 Jan 25, 2013
Reply by Er. Ambarish Srivastava

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अरविन्द सवैया [सगण X 8 + लघु]

वस्तुतः यह सवैया  दुर्मिल सवैया  का  ही विस्तार सदृश है. अर्थात, आठ सगण के पश्चात एक लघु इस सवैया के होने का कारण है. यानि, अरविन्द सवैया…

Started by Saurabh Pandey

8 Dec 16, 2012
Reply by Saurabh Pandey

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महाभुजंगप्रयात [यगण X 8]

यगणाश्रित (यगण पर आश्रित) सवैयों में महाभुजंगप्रयात या भुजंगप्रयात सवैयों को लिया जा रहा है. जिसमें यगण की आठ आवृतियाँ वृत का निर्माण करती…

Started by Saurabh Pandey

0 Dec 7, 2012

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किरीट सवैया [भगण X 8]

मत्तगयंद सवैया  पर हम जाकारी प्राप्त कर चुके हैं. जिसके अनसार सात भगण (भानस, ऽ।। )  के पश्चात दो गुरु का संयोग मत्तगयंद सवैया का कारण बनता…

Started by Saurabh Pandey

4 Dec 7, 2012
Reply by Saurabh Pandey

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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।"
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"आदरणीय जी सृजन पर आपके मार्गदर्शन का दिल से आभार । सर आपसे अनुरोध है कि जिन भरती शब्दों का आपने…"
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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को मान देने एवं समीक्षा का दिल से आभार । मार्गदर्शन का दिल से…"
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"बंधुवर, नमस्कार ! क्षमा करें, आप ओ बी ओ पर वरिष्ठ रचनाकार हैं, किंतु मेरी व्यक्तिगत रूप से आपसे…"
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