For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय मित्रों,

आप  सभी के समक्ष महाभागवत प्रजाति का छंद 'कामरूप' प्रस्तुत किया जा रहा है | यह 'बैताल' छंद नाम से भी जाना जाता है | 'मदन' छंदया रूपमाला पर अभ्यास करने वाले छन्दकारों के लिए इसे रचना अत्यंत सहज होगा | 

छंद 'कामरूप'

(चार चरण, प्रत्येक में ९,७,१० मात्राओं पर यति, चरणान्त गुरु-लघु से)

छब्बीस मात्रा, प्रति चरण है, क्या गज़ब की धार.

है चार चरणीं, अंत गुरु लघु, शिल्प ही आधार.

नौ सात पर हो, यति सुशोभित, बाँटता यह प्यार.

दस शेष मात्रा, प्रति चरण ही, छंदमय अभिसार.

----अम्बरीष श्रीवास्तव

 

उदाहारण :

दे दन दना दन, मार चाबुक, लाल मिर्ची डारि.

ली लूट इज्जत,  अब मरेगा, मातु-मातु पुकारि.

जा मार दीजै, उर अधम वह, कह रही है नारि.    

ले हाथ फंदा, दंड फाँसी, माँगती सुकुमारि..

छंद त्रिभंगी की तरह थोड़े से प्रयास से इसके प्रत्येक चरण में नियमानुसार आई प्रत्येक यति पर इसे समतुकांत करके इसके सौंदर्य में श्रीवृद्धि भी की जा सकती है यथा .....

 

दे दन दना दन, मार दन दन, लाल मिर्ची डारि.

ली लूट इज्जत, झेल हुज्जत, मातु-मातु पुकारि.

आ मार इसको, उर अधम जो, कह रही है नारि.   

ले हाथ रस्सी, दंड फाँसी, माँगती सुकुमारि..

--अम्बरीष श्रीवास्तव

 

इसी प्रकार से आदरणीय आलोक सीतापुरी जी द्वारा रचित छंद देखें ....

मांगें युवतियाँ, ठोंक छतियाँ, न्याय दे सरकार.

जो पुरुष कामी, नारि गामी, बदचलन बदकार,

ये लाज लूटे, भाग फूटे, देव इसको मार.

फाँसी चढ़ा दो, सर उड़ा दो, हो तभी प्रतिकार..

--आलोक सीतापुरी 

 

यद्यपि इसकी कोई अनिवार्यता नहीं है

हमें विश्वास है कि आप सभी मित्रगण इस छंद पर यथासंभव जोर-आजमाइश अवश्य करेंगें |

Views: 1659

Replies to This Discussion

1. अर्थात एक पंक्ति के तीन भाग होंगें एवं पहले भाग में 09 मात्रा दूसरे में 07 मात्रा एवं तीसरे में 10 मात्रा होंगें जो कुल मिलाकर 26 मात्राएं होंगी

2. इस तरह चार पंक्तियां 26-26 मात्रा की लिखनी है

3.प्रत्‍येक पंक्ति समतुकान्‍त होगी गुरु- लघु से  जैसे डारि/पुकारि/नारि/सुकुमारि

4.इसे प्रत्‍येक यति को समतुकांत भी कर सकते हैं यथा  युवतियाँ/छतियाँ/रतियां,    कामी/गामी/नामी,  लूटे/फूटे/कूटे

आदरणीय अम्‍बरीष जी क्‍या मैं ठीक समझ रहा हूं ?  प्रसंग से हटकर एक प्रश्‍न और है वह ये कि तुकांत क्‍या हमेशा सममात्रिक ही होने चाहिए यथा राम/काम  इसे यदि राम/अभिराम कर दें तो पद्य रचना में ऐसी तुक क्‍या निकृष्‍ट कोटि की मानी जाती है कृपया शंका समाधान करें  ।

स्वागत है आदरणीय राजेश जी | आप ने बिल्कुल सही समझा है | यदि तुकांत सममात्रिक हो सकें तो और भी अच्छा है परन्तु जहाँ तक, मेरी जानकारी है ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं है ! यदि तुकांत सममात्रिक न भी हो ऐसी तुक को निकृष्‍ट कोटि का नहीं माना जाना चाहिए बशर्ते सम्बंधित छंद का प्रवाह/गेयता बाधित न हो  | सादर

शंका समाधान के लिए बहुत आभारी हूं, सादर

आदरणीय राजेशजी,

//तुकांत क्‍या हमेशा सममात्रिक ही होने चाहिए यथा राम/काम  इसे यदि राम/अभिराम कर दें तो पद्य रचना में ऐसी तुक क्‍या निकृष्‍ट कोटि की मानी जाती है//

आपने प्रश्न किया सममात्रिकता पर और अंतर्निहित उदाहरण समशाब्दिक है. आपका आशय क्या है, आदरणीय ? क्यों कि समशाब्दिक तुकांता और सममात्रिक तुकांतता में भिन्नता है.

समशाब्दिक तुकांतता अच्छी नहीं मानी जाती है.

तुकांतता में सममात्रिक तुकांतता एक अनिवार्य शर्त होती है अन्यथा तुकांतता शिल्प के हिसाब से दोषपूर्ण हो जायेगी.

आगे, आदरणीय, आप जो समझें.

आदरणीय मैंने तो राम/काम को तीन मात्रा समझकर सममात्रिक लिखा । समशाब्दिक तुकांतता/सममात्रिक तुकांतता का ज्ञान मुझे नहीं है, निवेदन है कि दोनों के एक-दो उदाहरण दें तो इसका कुछ ज्ञान हमें भी हो जाए, सादर

//राम/काम को तीन मात्रा समझकर सममात्रिक लिखा//

आदरणीय राजेशजी, आपने सही ही कहा है. यह सममात्रिक शब्द हुए.

समशाब्दिक तुकांतता का अर्थ वही हुआ जो राम-अभिराम से निस्सृत है. यानि, राम की तुक में (अभि)राम का आना, जिसे पद्य के मूल आचरण के अनुसार बहुत अच्छा नहीं माना जाता. यह रचनाकार की शब्द कमी होगी यदि तुकांतता के लिए पंक्तियों में वही-वही शब्द प्रयुक्त हों.

यही कारण है कि निम्नलिखित वाक्यांश को पढ़ कर मैं थोड़ा असहज हो गया - 

यदि तुकांत सममात्रिक हो सकें तो और भी अच्छा है परन्तु जहाँ तक, मेरी जानकारी है ऐसी कोई अनिवार्यता नहीं है ! यदि तुकांत सममात्रिक न भी हो ऐसी तुक को निकृष्‍ट कोटि का नहीं माना जाना चाहिए बशर्ते सम्बंधित छंद का प्रवाह/गेयता बाधित न हो  

ऐसा जिस विशिष्ट छंद के लिए अनुमन्य है वह साझा होना चाहिये था. अन्यथा, तुक तो सममात्रिक ही होते हैं.  तभी तुकांतता अन्त्यानुप्रास की श्रेणी में आती है.. .   :-)))

तुकांतता पर महत्वपूर्ण जानकारी  साँझा करने  के लिए आभार आदरणीय

धन्यवाद आदरणीय

आदरणीय अम्बरीश जी
उपरोक्त छंद में चारों चरणों का सम्तुकांत होना अनिवार्य नहीं है।
सम्तुकान्तता दो -दो चरणों में रखना भी मान्य होगा।
आलेख में  उद्धृत सभी उदाहरण चारों पंक्तियों  में सम्तुकान्तता के ही हैं ........

सादर.

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
1 minute ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी आदरणीय यही कि जिस मुक़द्दमे का इतना चर्चा था उसमें हारने वाले को सज़ा क्या हुई उसका भी चर्चा…"
2 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। सुझावों के बाद यह और बेहतर हो गयी है। हार्दिक बधाई…"
26 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"वक़्त बदला 2122 बिका ईमाँ 12 22 × यहाँ 12 चाहिए  चेतन 22"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ठीक है पर कृपया मुक़द्दमे वाले शे'र का रब्त स्पष्ट करें?"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी  इस दाद और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत…"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आपका"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी सादर प्रणाम । बहुत बहुत बधाई आपको अच्छी ग़ज़ल हेतु । कृपया मक्ते में बह्र रदीफ़ की…"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। जो…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय 'अमित' जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service