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उसने खौला लिया था सूरज एक चम्मच चीनी के साथ
वह जीवन के कडुवे अंधेरों में कुछ मिठास घोलना चाहता था
उसके दिन के उजाले चाय के कप में डूबे हुए थे
और उसका सूरज
ताजगी देता हुआ जीवन की उष्मा से भरपूर
गर्म शिप बनकर उतर आता था लोगों की जिव्हा पर …
Posted on November 7, 2014 at 11:00am — 16 Comments
वह माटी थी पर नहीं थी वह ...जिसे कुम्हार ने माजा चाक पे चढ़ाया, गढा, चमकाया बाजार में बिठाया ... वह तो किस्मत की धनी थी पर वह ? वह तो सिर्फ उसके बगिया की माटी थी उसके पैरों तले गाहे बगाहे आ जाती ... कुचली जाती रही .. टूटती रही, खोदी जाती रही, तोडी जाती रही ..... और बदले में रंगबिरंगे फूलों से फलों से अपनी हरियाली को सजा कर बगिया को महकाती रही .... यही तो था उन् दोनों के अपने अपने हिस्से का आसमान .. लेकिन उन् दोनों के लिए एक आसमान से इतर एक दूसरा आसमान किसी बंद दरवाजे से बाहर भीतर…
ContinuePosted on October 4, 2013 at 9:30pm — 17 Comments
वह जो नहीं कर सकती वह कर जाती है ...
घंटों वह अपनी एक खास भाषा मे हँसती है
जिसका उसे अभी अधूरा ज्ञान भी नहीं
उसके ठहाके से ऐसे कौन से फूल झड़ते है
जो किसी खास जंगल की पहचान है .... ...
जबकि उसकी रूह प्यासी है
और वह रख लेती है निर्जल व्रत
सुना है कि उसके हाथों के पकवान
से महका करता था पूरा गाँव भर
और घर के लोग पूरी तरह जीमते नहीं थे
जब तक कि वे पकवान मे डुबो डुबो कर
बर्तन के पेंदे और
अपनी उँगलियों को चाट नहीं लेते अच्छी तरह…
Posted on August 19, 2013 at 9:00am — 11 Comments
मेरे आजाद देश की
बेहतरीन खिलाडी
बिना डोपिंग परिक्षण के,
महंगाई हो गई है
दौड़ती है सबसे आगे
तेज धावक की तरह
मारती है सबसे ऊँची
छलांग
पहुंचना चाहती है
सबसे पहले
बाहरवें आसमान|
और रुपया बेचारा
मुंह उतारे
लुढ़क रहा है नीचे नीचे
अपना ही बाजार सौतेला हो गया जिसके लिए
जैसे इस मंडी से नाराज
वह मुंह छुपाना चाहता हो
प्रचलन से बाहर किसी तरह से
निकल आना चाहता हो
वह…
ContinuePosted on August 15, 2013 at 6:00am — 13 Comments
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Comment Wall (19 comments)
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आदेर्नीया नूतन जी आपके मित्रों की श्रेणी में खुद को शामिल पाकर मैं प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूँ ..एक बार पुनः आभार के साथ
स्वागत है आपका आदरणीया डॉ नूतन डी गैरोला जी आपकी मित्रता
स्वीकार करते हुए बड़ी प्रसन्नता हो रही है | सादर
आपका लेखन जितना शानदार है उतना ही प्रभावपूर्ण भी.... अपने निकट (देहरादून) से ऐसे व्यक्तित्व को
इस मंच पर पाकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ ... हार्दिक बधाई ...
सुविख्यात रचनाकार डॉ नूतन जी को महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना पुरस्कार प्रदान किये जाने पर हार्दिक बधाई !!
आदेर्नीया नूतन जी ..केक देखा जो संभवतः अब नहीं होगा ..तो जनम दिन की बधाई न दे पाना भी याद आया ..आपको जनम दिन की बधाई ..महीने की सर्वश्रेष्ट रचना की रचनाकार होने के पर भी मेरी और से हार्दिक बधाई ..मैं ब्लॉग पर तो आपकी कवितायें पढने का लुत्फ़ उठाता ही रहता हूँ ..सादर
आदरणीया जन्म दिन की हार्दिक शुभकामना ///
जन्म दिन की हार्दिक मंगल काम्नानाए | प्रभु आको खुशाहाल रखे और विकास के मार्ग पर अग्रसर कर
घर परिवार, समाज, राष्ट्र में योगदान हेतु संबल प्रदान करे | शुभम
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
नूतन जी, आपकी मित्रता से मन बहुत हर्षित हुआ। माह की सर्वश्रेष्ठ रचना सम्मान पाने पर आपको बहुत बहुत बधाई !
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