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Rachna Bhatia
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  • Aazi Tamaam
  • अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी
  • DR ARUN KUMAR SHASTRI
 

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Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय अमीरुद्दीन अमीर जी, सादर अभिवादन। अच्छी ग़ज़ल हुई है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Oct 26
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय संजय शुक्ला जी नमस्कार। बहुत ख़ूब। हार्दिक बधाई "
Oct 26
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीया ऋचा यादव जी नमस्कार। आपने बिल्कुल सहीह कहा। ग़ज़ल तक आने के लिए एवं राय रखने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद।"
Oct 26
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय अमीरुद्दीन अमीर जी नमस्कार। आदरणीय ग़ज़ल तक आने तथा अपनी राय रखने के लिए आपका हार्दिक आभार। अमित जी की टिप्पणी में 8वें का सुधार किया है। देखिएगा। सादर "
Oct 26
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय संजय शुक्ला जी हार्दिक आभार। 8वां ठीक किया है  देखिएगा। सादर "
Oct 26
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय अमित जी देरी से उत्तर देने के लिए क्षमा चाहती हूँ। आदरणीय ग़ज़ल तक आने तथा इतनी बारीक़ी से अपनी राय रखने के लिए आपका हार्दिक आभार। //डूबना उभरना? कश्ती या तो तैरती है या डूब जाती है विचार करें।// ऐसे सोचा नहीं था।आपकी बात से सहमत हूँ। इसलिए…"
Oct 26
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय संजय शुक्ला जी नमस्कार। अच्छी ग़ज़ल की बधाई स्वीकार करें। गिरह दिखाई नहीं दे रही है। सादर "
Oct 25
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीया ऋचा जी अमित जी की इस्लाह अच्छी है।आपकी ग़ज़ल निखर जाएगी। मुझे गिरह बहुत पसंद आई। सादर "
Oct 25
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई जी नमस्कार ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार कीजिये  यूफ़ोनिक अमित जी की टिप्पणी के बाद ग़ज़ल अच्छी हो गई है।"
Oct 25
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"1212 1122 1212 22 1 तुम्हारे दिल में मुझे इस तरह उतरना है ग़ज़ल की शक्ल मेंइज़हार-ए-इश्क़ करना है  2 डरे हुए हों जहाँ फूल बाग़बान कली बहार बन के मुझे उस जगह ठहरना है  3 हर एक साँस पे मैं जिस का नाम लिखती हूँ उसी से अब मुझे जीवन में रंग…"
Oct 25
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"सादर नमस्कार सर्।  जी सर्  अपना ध्यान रखिएगा। सेहत पहले है। सादर "
Oct 25
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"आदरणीय यूफोनिक अमित जी नमस्कार। आदरणीय,आपकी इस्लाह वाकई बहुत ख़ूब है।मेरी ग़जल को ग़ज़ल बनाने के लिए आपका हार्दिक आभार।"
Aug 29
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"आदरणीया ऋचा जी, हौसला बढ़ाने के लिए आपका हार्दिक आभार।"
Aug 29
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"आदरणीय समर कबीर सर् सादर नमस्कार।जी सर्, मैं अमित जी द्वारा बताए गए सुधार कर लेती हूँ। हौसला बढ़ाने के लिए आपका बेहद शुक्रिय:।"
Aug 29
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"आदरणीय नमस्कार। आपने सहीह कहा अमित जी की इस्लाह अच्छी है।उस पर सर् की मुहर लग चुकी है। हौसला बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
Aug 29
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-170
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार । बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने। बधाई स्वीकार कीजिए। अमित जी की इस्लाह से और निख़र जाएगी सादर"
Aug 29

Profile Information

Gender
Female
City State
Delhi
Native Place
Delhi
Profession
Teacher
About me
nothing special... just start my journey ....

Rachna Bhatia's Blog

ग़ज़ल - मुझे ग़ैरों में शामिल कर चुका है

2122 2122 2122

1

वो ज़रा-सा सिरफ़िरा कुछ मनचला है

जो महब्बत के सफ़र पर चल पड़ा है

2

मेरे दिल ने जो कहा मैंने किया है

काम फिर चाहे वो अच्छा या बुरा है

3

अक़्स आँखों में हमारी जो छिपा है

इस जहाँ के सबसे प्यारे शख़्स का है

4

है महब्बत एक चिंगारी कुछ ऐसी

दिल लगाने वाला ही इसमें जला है

5

बाद मुद्दत के मिला उससे तो जाना

वो मुझे ग़ैरों में शामिल कर चुका है 

6

कुछ कहे बिन और…

Continue

Posted on May 17, 2023 at 11:30am — 7 Comments

आलेख - माँ की देखभाल औलाद की नैतिक जिम्मेदारी

माँ की देखभाल औलाद की नैतिक जिम्मेदारी

गाज़ियाबाद। इंदिरा चौधरी ने 85 साल की उम्र में जिस इकलौते बेटे की पैरवी करके जमानत कराई, उसे उन्होंने अकेले पाँच वर्ष की उम्र से पाला था। वह जब जेल से बाहर आया तो मां को साथ रखने के बजाय वृद्धाश्रम में छोड़ गया। वह बताती हैं कि वह वाराणसी में बेटे-बहू के साथ ही रह रही थीं। एक दिन अचानक बेटा बहू और पोते को लेकर लापता हो गया। पता चला कि वह जिस कंपनी में काम करता था, वहीं गबन कर गया। कंपनी के केस दर्ज कराने के बाद पुलिस ने उसे तिहाड़ जेल में…

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Posted on March 9, 2023 at 10:17am — 5 Comments

ग़ज़ल - मेरे घर आज आ रहा है कोई

2122 1212 22

1

सोये जज़्बे जगा रहा है कोई 

दिल प हौले से छा रहा है कोई 

2

नज़रों से मय पिला रहा है कोई

मुझको मुझसे चुरा रहा है कोई

3

चाँद तारो न उम्र भर जाना

मेरे घर आज आ रहा है कोई

4

चन्दा कुछ देर ओढ़ ले बदरी

छत प मुझको बुला रहा है कोई

5

मुस्कुराहट सजा के होटों पर

इश्क करना सिखा रहा है कोई 

6

लौटना अपना मुस्तरद*करके

मेरा ओहदा बढ़ा रहा है…

Continue

Posted on March 8, 2023 at 8:17pm — 4 Comments

सदा - क्यों नहीं देते

221--1221--1221--122

1

आँखों में भरे अश्क गिरा क्यों नहीं देते

है दर्द अगर सबको बता क्यों नहीं देते

2

है जुर्म मुहब्बत तो सज़ा क्यों नहीं देते

गर रोग है तो इसकी दवा क्यों…

Continue

Posted on January 16, 2023 at 1:30pm — 14 Comments

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"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
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