For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"पंजाबी साहित्य"(ਪੰਜਾਬੀ ਸਾਹਿਤ) Discussions (30)

← Back to "पंजाबी साहित्य"(ਪੰਜਾਬੀ ਸਾਹਿਤ)
Discussions Replies Latest Activity

ਅਫਸੋਸ ( ਮਿੰਨੀ ਕਹਾਣੀ)

                                 ਅਫਸੋਸ  ਅੱਜ ਬਾਪੁ ਸਾਹਿਬ ਸਿੰਘ ਦਾ ਸਸਕਾਰ ਸੀ ,ਸਾਰਾ ਪਿੰਡ ਸਸਕਾਰ ਨਾਲ ਗਿਆ ਹੋਇਆ  ਸੀ ,ਬੜੇ ਰੁਤਬੇ ਵਾਲਾ ਬੰਦਾ ਜੁ ਸੀ ਓਹ \…

Started by Surjit Singh Sirdi

0 Aug 18, 2016

हुंण मैं की करां .......

हुंण मैं की करां .......  रुड़ जाणी नूं ले के सौंदा मेरी कदर न जाने आसे पासे लौकी देंदे सौतन दे मैनूं ताने बावाँ विच वी हो के ओ ताँ मेनू…

Started by Sushil Sarna

2 Jun 18, 2015
Reply by Sushil Sarna

हुण आ गया सावन ……

अम्बराँ विच चमकदी बिजली, देंदी सौ सौ वाजाँ हुण आ गया सावन ओ जोगी घर तूं वी घर आजाइक ताँ अग लगावन बूँदां ते दूजियाँ तेरियां यादाँहुण आ गया स…

Started by Sushil Sarna

2 Apr 15, 2015
Reply by Sushil Sarna

नौआं साल

नौएँ  साले  2013 दी सबनिजो लक्ख लक्ख बधाई    नौआं साल    छड्डी चलेया पुराणा साल  नौआं आणे यो त्यार  तिन्नी क्या सांजो अम्ब देयी दित्ते   इ…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

0 Dec 31, 2012

मामा जीती गेया

मामा जीती गेया जीती गेया मेरा मामा ओ लोकोहुण होई जाणी अपणी मौज छड्ड दिल्लिया असाँ चली जाणा कुल्लूबणाई लैणी अपणी फौज़दिन भर करनी मटरगस्तीकोई…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

2 Dec 26, 2012
Reply by Deepak Sharma Kuluvi

आयी दयाली

आयी दयाली हाई वो लोको आयी दयाली खर्चा बड़ा पर खीसा खाल्ली चाली रपैय्ये होई गयी खंड कियाँ पीणी चायी दी प्याल्ली  हुण ताँ पाईया बूंदी लयोआ स…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

0 Nov 8, 2012

(जाणा कल्लेयाँ ही पैंदा)

रब्ब दी रज़ा जे मंनेंगा ते सुख भरपूर तू पाँवेंगानहीं ते जीवन भर तू बंदेया कलपदा ही रह जांवेंगा************************************** पंजाबी…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

2 Nov 6, 2012
Reply by Deepak Sharma Kuluvi

करवा चौथे दा लुत्फ़

करवा चौथे दा लुत्फ़   लाड़ी ग्लांदी पैर बंदायी लेया करवा चौथे दा लुत्फ़ उठाई लेया व्रत रख्खी के थक्की गयी मैं ताँ तुसां रोटी अप्पू बणाई के…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

0 Nov 2, 2012

कैहं नी लगांदे

कैहं नी लगांदे    लाड़ी ग्लांदी चला वो सारे गंगा नौहई औईए सारे मिलिके पापी महापापी रावणे जो फूकी औईए देया करड़ा है मरदा नी मड़ा हर साल जन्म…

Started by Deepak Sharma Kuluvi

0 Oct 9, 2012

ਤੀਆਂ ਤੀਜ ਦੀਆਂ

ਅੱਜ 9 ਸਾਉਣ ਹੈ।ਤੀਆਂ ਦਾ ਤਿਉਹਾਰ ਸਾਉਣ ਮਹੀਨੇ ਦੀ ਮੱਸਿਆ ਤੋਂ ਬਾਦ ਤੀਜ ਤੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ  ਤੇ ਪੁੰਨਿਆ ਤੱਕ ਚਲਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ।ਇਸ ਵਰ੍ਹੇ 4 ਸਾਉਣ (19 ਜੁਲਾਈ) ਦੀ…

Started by SS

0 Jul 24, 2012

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"खुशबू सी उसकी लाई हवा याद आ गया, बन के वो शख़्स बाद-ए-सबा याद आ गया। वो शोख़ सी निगाहें औ'…"
6 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"हमको नगर में गाँव खुला याद आ गयामानो स्वयं का भूला पता याद आ गया।१।*तम से घिरे थे लोग दिवस ढल गया…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"221    2121    1221    212    किस को बताऊँ दोस्त  मैं…"
2 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"सुनते हैं उसको मेरा पता याद आ गया क्या फिर से कोई काम नया याद आ गया जो कुछ भी मेरे साथ हुआ याद ही…"
9 hours ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।प्रस्तुत…See More
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"सूरज के बिम्ब को लेकर क्या ही सुलझी हुई गजल प्रस्तुत हुई है, आदरणीय मिथिलेश भाईजी. वाह वाह वाह…"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

कुर्सी जिसे भी सौंप दो बदलेगा कुछ नहीं-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

जोगी सी अब न शेष हैं जोगी की फितरतेंउसमें रमी हैं आज भी कामी की फितरते।१।*कुर्सी जिसे भी सौंप दो…See More
Thursday
Vikas is now a member of Open Books Online
Tuesday
Sushil Sarna posted blog posts
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
Monday
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service