For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जगदानन्द झा 'मनु'
  • Male
  • Delhi
  • India
Share on Facebook MySpace

जगदानन्द झा 'मनु''s Friends

  • Shivam Jha
  • डॉ. सूर्या बाली "सूरज"

जगदानन्द झा 'मनु''s Groups

 

जगदानन्द झा 'मनु''s Page

Latest Activity

जगदानन्द झा 'मनु' posted a blog post

मैं कौन हूँ

मैं कौन हूँ अब तक मैं अपना   पहचान ही नहीं पा सका  भीड़ में दबा कुचला व्यथित मानव  दड़बे में बंद फड़फड़ाता परिंदा या पेट भरने के लिए मांस नोचता चील मैं कौन  हूँ ? अब तक मैं अपना  पहचान ही नहीं पा सका हँसता हुआ  बेफ़िक्र  शिशु अख्कड़  गली में  दौड़ता  किशोर  बलिष्ठ  जवानी जिसने की दुःख न देखा हो  या चिंता के बोझ से दबा गृहस्थ  जो रात के खाने की चिंता में  गला जा रहा है अथवा अपने जीर्ण-शीर्ण स्थूल शरीर का भार बेंत पर टिकाया हुआ वृद्ध जो की निष्कासित कर दिया गया हैन्यू जेनरेशन के हाथों जिसका सपना…See More
Feb 13, 2023
जगदानन्द झा 'मनु' commented on जगदानन्द झा 'मनु''s blog post मैं कौन हूँ
"हार्दिक धन्यवाद भाई आदरणीय लक्ष्मण धामी जी और भाई आदरणीय Samar Kabeer जी, आप का मार्गदर्शन इसी तरह से सदैव मिलता रहे। "
Feb 7, 2023
जगदानन्द झा 'मनु' posted a blog post

मैं कौन हूँ

मैं कौन हूँ अब तक मैं अपना   पहचान ही नहीं पा सका  भीड़ में दबा कुचला व्यथित मानव  दड़बे में बंद फड़फड़ाता परिंदा या पेट भरने के लिए मांस नोचता चील मैं कौन  हूँ ? अब तक मैं अपना  पहचान ही नहीं पा सका हँसता हुआ  बेफ़िक्र  शिशु अख्कड़  गली में  दौड़ता  किशोर  बलिष्ठ  जवानी जिसने की दुःख न देखा हो  या चिंता के बोझ से दबा गृहस्थ  जो रात के खाने की चिंता में  गला जा रहा है अथवा अपने जीर्ण-शीर्ण स्थूल शरीर का भार बेंत पर टिकाया हुआ वृद्ध जो की निष्कासित कर दिया गया हैन्यू जेनरेशन के हाथों जिसका सपना…See More
Feb 6, 2023
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on जगदानन्द झा 'मनु''s blog post मैं कौन हूँ
"आ. भाई मनु जी, अभिवादन। अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई। भाई समर जी की बात का संज्ञान लें।"
Jan 29, 2023
Samar kabeer commented on जगदानन्द झा 'मनु''s blog post मैं कौन हूँ
"जनाब 'मनु' जी आदाब , अच्छी रचना हुई है, बधाई सवीकार करें I  टंकण त्रुटियाँ देख लें I "
Jan 29, 2023
जगदानन्द झा 'मनु' posted blog posts
Jan 22, 2023
जगदानन्द झा 'मनु' and Shivam Jha are now friends
Jan 21, 2023

Profile Information

Gender
Male
City State
Delhi
Native Place
Delhi

जगदानन्द झा 'मनु''s Blog

मैं कौन हूँ

मैं कौन हूँ

अब तक मैं अपना  

पहचान ही नहीं पा सका 

भीड़ में दबा कुचला व्यथित मानव 

दड़बे में…

Continue

Posted on February 13, 2023 at 9:16am — 3 Comments

धुँध

मैं धुँध को नहीं चीर सका तो क्या
आगे बढ़ने कि कोशिश तो की
कुछ कदम आगे मैं बढ़ा
सूरज भी कुछ कदम आगे की
मेरे सिर पर विजय मुकुट था
घटी चादर ज्योँ ही धुँध की


यह सोच गर मैं घर में रहता
धुँध बहुत हैं छायी
चलो रजाई तान कर सोएँ
बहुत सुहाबना मौसम हैं भाई
मेरे भाग्य की कलियाँ बंद होती
सूरज क्योंकर साथ मेरा देता
किसी अन्धेरे कोठरी में
मेरा नाम भी गुम गया होता


(मौलिक एवं अप्रकाशित )

Posted on April 28, 2014 at 4:30pm — 4 Comments

मैं न जाने कहाँ खो गया

ढूंढने गया मैं खुद को

बाज़ार में

मैं न जाने कहाँ खो गया

चाँदी की खनक में

सोने की दमक में

मैं न जाने कहाँ खो गया



क्यों आया हूँ यहाँ

मैं क्या हूँ ?

मैं भूल गया

इस चमक-दमक की दुनियाँ में

मैं खुद को ही भूल गया



मैं भूल गया

मेरे हाथों में

कलम की ऐसी ताकत थी

ऊपर वाले की देन कहें

या हृदय की मेरी गागर थी



चलती थी

मेरी अश्रु स्याही से

भावो के मोती विखेरने को

समराग्नी की ताकत रखती थी

नव-निर्वाण की हुँकार…

Continue

Posted on June 23, 2012 at 1:30pm — 9 Comments

गीत -मैं भी कुछ सुनाऊँ तुमको, जो एसी भी शक्ति दी होती

मैं भी कुछ सुनाऊं तुमको,

जो ऐसी भी शक्ति दी होती



हे माँ तेरी चरणों में,

कुछ मेरी भी अर्जी तो होती



मैं दीन हूँ माँ समझो,

पर हीन न समझा करो



सीने से न अपने सही,

चरणों से न दूर करो



मैं पुत्र कुपुत्र हूँ माँ,

समझा न तेरे मन को



तुम तो माँ कुमाता नहीं,

समझो तो मेरे मन को



थोड़ा मुझ को भी दे दो माँ,

स्नेह अपनी झोली से तुम



है माँ बेटे का नाता,

माँ खोयी हो कहाँ तुम | …

Continue

Posted on June 7, 2012 at 1:00pm — 6 Comments

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी छंद ++++++++++++++++++   देवों की है कर्म भूमि, भारत है धर्म भूमि, शिक्षा अपनी…"
11 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आदरणीय जी सृजन पर आपके मार्गदर्शन का दिल से आभार । सर आपसे अनुरोध है कि जिन भरती शब्दों का आपने…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को मान देने एवं समीक्षा का दिल से आभार । मार्गदर्शन का दिल से…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Tuesday
Admin posted discussions
Monday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"बंधुवर सुशील सरना, नमस्कार! 'श्याम' के दोहराव से बचा सकता था, शेष कहूँ तो भाव-प्रकाशन की…"
Monday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"बंधुवर, नमस्कार ! क्षमा करें, आप ओ बी ओ पर वरिष्ठ रचनाकार हैं, किंतु मेरी व्यक्तिगत रूप से आपसे…"
Monday
Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बंधु, लघु कविता सूक्ष्म काव्य विवरण नहीं, सूत्र काव्य होता है, उदाहरण दूँ तो कह सकता हूँ, रचनाकार…"
Monday
Chetan Prakash commented on Dharmendra Kumar Yadav's blog post ममता का मर्म
"बंधु, नमस्कार, रचना का स्वरूप जान कर ही काव्य का मूल्यांकन , भाव-शिल्प की दृष्टिकोण से सम्भव है,…"
Monday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service