For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रणवीर सिंह 'अनुपम'
  • Male
Share on Facebook MySpace
 

रणवीर सिंह 'अनुपम''s Page

Latest Activity

Chetan Prakash left a comment for रणवीर सिंह 'अनुपम'
"आदरणीय रणवीर सिंह 'अनूप' आपकी टिप्पणी मैंने अभी देखीं! आपने समारोह के समाप्त होने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, और जब ऐसा हुआ तब तक  Reply Box बंद हो चुका था! फिर भी आप की प्रतिक्रिया का स्वागत है!  किन्तु सम्यक यह नहीं रहता कि…"
Jul 22, 2021
रणवीर सिंह 'अनुपम' left a comment for Chetan Prakash
"आदरणीय, चेतन जी, "दोहे : कैसे- कैसे  लोग" शीर्षक के तहत लिखे गए दोहे बहुत सुंदर हैं और बहुत अच्छे लगे। निम्न चरण विधान में न होने से इनमें लय भंग है। जिसे दूर करने की जरूरत है। जन्म-भूमि स्वर्ग सम हो (कारण-नवीं मात्रा पर शब्द…"
Jul 22, 2021
रणवीर सिंह 'अनुपम' commented on रणवीर सिंह 'अनुपम''s blog post हल हँसिया खुरपा जुआ (कुंडलिया)
"आदरणीय, अग्रज राम अवध जी नमन। उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
Jun 4, 2020
रणवीर सिंह 'अनुपम' commented on रणवीर सिंह 'अनुपम''s blog post हल हँसिया खुरपा जुआ (कुंडलिया)
"आदरणीय, अग्रज कबीर जी नमन। उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
Jun 4, 2020
Ram Awadh VIshwakarma commented on रणवीर सिंह 'अनुपम''s blog post हल हँसिया खुरपा जुआ (कुंडलिया)
"आदरणीय रणवीर सिंह अनुपम जी सादर अभिवादन बहुत सुन्दर कुनडलियां द्वरा दुर्दशा का वर्णन किया है बधाई"
May 28, 2020
Samar kabeer commented on रणवीर सिंह 'अनुपम''s blog post हल हँसिया खुरपा जुआ (कुंडलिया)
"जनाब रणवीर सिंह 'अनुपम' जी आदाब, अच्छा कुण्डलिया छंद लिखा आपने, बधाई स्वीकार करें ।"
May 28, 2020
रणवीर सिंह 'अनुपम' posted a blog post

हल हँसिया खुरपा जुआ (कुंडलिया)

हल हँसिया खुरपा जुआ, कन्नी और कुदाल।झाड़ू   गेंती  फावड़ा,  समझ  रहे   हैं  चाल।समझ  रहे   हैं चाल, मगर सबके सब बेबस।जब भी जिसको चुना, स्वप्न दिखलाए हैं बस।युगों-युगों से भूख, गरीबी से हैं बेकल।कन्नी और कुदाल, जुआ खुरपा हँसिया हल।रणवीर सिंह 'अनुपम'"मौलिक व अप्रकाशित"See More
May 27, 2020
रणवीर सिंह 'अनुपम' commented on Hariom Shrivastava's blog post योग छंद
"आदरणीय सुंदर सृजन। चरण 8 - में लय भंग है। कारण 5वीं मात्रा पर शब्द पूरा हो रहा है, जो नहीं होना चाहिए। चरण 15 और 16 - में लय भंग है। कारण 9वीं मात्रा पर शब्द पूरा हो रहा है, जो नहीं होना चाहिए।"
May 26, 2020
रणवीर सिंह 'अनुपम' updated their profile
May 26, 2020
रणवीर सिंह 'अनुपम' commented on गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ''s blog post 'तुरंत' के दोहे ईद पर (१०६ )
"बहुत सुंदर दोहे।"
May 26, 2020
रणवीर सिंह 'अनुपम' is now a member of Open Books Online
May 26, 2020

Profile Information

Gender
Male
City State
Ghaziabad
Native Place
Mainpuri
Profession
Govt Officer

रणवीर सिंह 'अनुपम''s Blog

हल हँसिया खुरपा जुआ (कुंडलिया)

हल हँसिया खुरपा जुआ, कन्नी और कुदाल।
झाड़ू   गेंती  फावड़ा,  समझ  रहे   हैं  चाल।
समझ  रहे   हैं चाल, मगर सबके सब बेबस।
जब भी जिसको चुना, स्वप्न दिखलाए हैं बस।
युगों-युगों से भूख, गरीबी से हैं बेकल।
कन्नी और कुदाल, जुआ खुरपा हँसिया हल।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
"मौलिक व अप्रकाशित"

Posted on May 26, 2020 at 10:37pm — 4 Comments

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 8:08pm on July 22, 2021, Chetan Prakash said…
  1. आदरणीय रणवीर सिंह 'अनूप' आपकी टिप्पणी मैंने अभी देखीं! आपने समारोह के समाप्त होने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, और जब ऐसा हुआ तब तक  Reply Box
  2. बंद हो चुका था! फिर भी आप की प्रतिक्रिया का स्वागत है!  किन्तु सम्यक यह नहीं रहता कि प्रस्तुति के किन्हीं स्थलों पर प्रश्नचिन्ह लगाने से आपने कारण गिनाए होते और अपने संशोधन प्रस्तुत किये होते! मात्रा गणना, दोहा छंद में नियमानुसार होती है! हां, एकाधिक जगह, संशोधन की आवश्यकता मुझे भी महसूस हुई! 
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"स्वागतम"
3 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"जी बहुत शुक्रिया आदरणीय चेतन प्रकाश जी "
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
5 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.लक्ष्मण सिंह मुसाफिर साहब,  अच्छी ग़ज़ल हुई, और बेहतर निखार सकते आप । लेकिन  आ.श्री…"
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.मिथिलेश वामनकर साहब,  अतिशय आभार आपका, प्रोत्साहन हेतु !"
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"देर आयद दुरुस्त आयद,  आ.नीलेश नूर साहब,  मुशायर की रौनक  लौट आयी। बहुत अच्छी ग़ज़ल…"
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
" ,आ, नीलेशजी कुल मिलाकर बहुत बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई,  जनाब!"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।  गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। भाई तिलकराज जी द्वार…"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए आभार।…"
9 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तितलियों पर अपने खूब पकड़ा है। इस पर मेरा ध्यान नहीं गया। "
9 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी नमस्कार बहुत- बहुत शुक्रिया आपका आपने वक़्त निकाला विशेष बधाई के लिए भी…"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service