For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लतीफ़ ख़ान
  • Male
  • Dallirajhara, Chhattisgarh
  • India
Share on Facebook MySpace

लतीफ़ ख़ान's Groups

 

लतीफ़ ख़ान's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Dallirajhara, Chhattisgarh
Native Place
Kusumkasa, Chhattisgarh
Profession
Retired from Bhilai Steel Plant Mines.

लतीफ़ ख़ान's Blog

मंगल मय हो नूतन वर्ष - लतीफ़ ख़ान

लिख कर अनुभव पत्रिका पार क्षितिज के पुराना साल गया |

ले कर कोरे पृष्ठ सहस्त्र देखो आया है फिर साल नया |

    हों सम्बंध नए हों अनुबंध नए,

    नव निर्मित बंधों के हों तटबंध नए,…

Continue

Posted on January 4, 2013 at 3:18pm — 8 Comments

ऐसा वरदान हम को ईश्वर दे

                                                      ग़ज़ल 

                                                   [1]    ऐसा  वरदान  हम  को  ईश्वर  दे  ! 
                                                           झोलियाँ  सब की  प्यार  भर  दे  !
                …
Continue

Posted on December 1, 2012 at 6:28pm — 13 Comments

जल दोहे

[1]   जल चरणों के श्लोक यह ,  जग हित में शुभ-लाभ !

       पी कर विष   प्रदूषण  का ,   हुआ   नीर   अमिताभ !!

[2]   पाट कर   सब ताल कुँए   ,   हम ने   की यह भूल !

       पानी  -  पानी    हो    गई     ,    निज  चरणों की धूल !!

[3]   कर न  पायें  दीपक  ज्यों   ,    तेल   बिना    उजियार !…

Continue

Posted on November 20, 2012 at 4:57pm

"विरह गीत" - लतीफ़ ख़ान, दल्लीराजहरा.

विरहन का क्या गीत अरे मन |

प्रियतम प्रियतम, साजन साजन ||



जब से हुए पी आँख से ओझल,

प्राण है व्याकुल साँस है बोझल,

किस विध हो अब पी के दर्शन || विरहन का...



प्रीत है झूटी सम्बन्ध झूटा,

सौगंध झूटी अनुबन्ध झूटा,

मिथ्या मन का हर गठबन्धन || विरहन का...



जब दर्पण में रूप सँवारूँ,

अपनी छवि में पी को निहारूँ,

मेरी व्यथा से अनभिज्ञ दर्पण || विरहन का...



दुख विरहन का किस ने जाना,

अपने भी अब मारें…

Continue

Posted on November 5, 2012 at 1:30pm — 5 Comments

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 12:59pm on January 18, 2013, एम. के. पाण्डेय "निल्को" said…

सादर धन्यवाद,

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"ग़ज़ल — 212 1222 212 1222....वक्त के फिसलने में देर कितनी लगती हैबर्फ के पिघलने में देर कितनी…"
58 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"शुक्रिया आदरणीय, माजरत चाहूँगा मैं इस चर्चा नहीं बल्कि आपकी पिछली सारी चर्चाओं  के हवाले से कह…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी आदाब, हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिय:। तरही मुशाइरा…"
2 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"  आ. भाई  , Mahendra Kumar ji, यूँ तो  आपकी सराहनीय प्रस्तुति पर आ.अमित जी …"
4 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"1. //आपके मिसरे में "तुम" शब्द की ग़ैर ज़रूरी पुनरावृत्ति है जबकि सुझाये मिसरे में…"
5 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जनाब महेन्द्र कुमार जी,  //'मोम-से अगर होते' और 'मोम गर जो होते तुम' दोनों…"
7 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय शिज्जु शकूर साहिब, माज़रत ख़्वाह हूँ, आप सहीह हैं।"
8 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"इस प्रयास की सराहना हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी। बहुत शुक्रिया।"
15 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
15 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
15 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
15 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
15 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service