111 members
171 members
393 members
ग़ज़ल
देख लेना क्रान्ति अपनी रंग लायेगी ज़रूर
ये महा हड़ताल शासन को झुकायेगी ज़रूर
देखकर गहरा अंधेरा किसलिए मायूस हो
रात कितनी भी हो लम्बी भोर आयेगी ज़रूर
हौसला हालात से लड़ने का होना चाहिए
आयेंगे तूफ़ां तो कश्ती डगमगायेगी ज़रूर
अब बग़ावत पर उतर आओ सुनो पूरी तरह
वर्ना ये सत्ता तुम्हें भी नोंच खायेगी ज़रूर
ये हमारी सारी माँगें मान तो ली जायेंगी
हाँ मगर सरकार हमको…
ContinuePosted on November 21, 2013 at 6:30am — 11 Comments
__________________
जुम्मन ख़ाँ
__________________
अब तो थोड़ा सोचो और विचारो जुम्मन ख़ाँ
मेरी मानो अपना हाल सुधारो जुम्मन ख़ाँ .
सच्चाई को कब तक ओढ़ो और बिछाओगे
ख़ुदग़र्ज़ी से, मक्कारी से आँख चुराओगे
मुँह में रखकर राम बगल में छुरी नहीं रखते
नीयत कभी किसी की ख़ातिर बुरी नहीं रखते
निश्छल चेहरे पर छाया जो ये भोलापन है
सच मानो जुम्मन ख़ाँ सबसे शातिर दुश्मन है
थोड़ा सा तो डूबो धन-दौलत की चाहत में…
Posted on October 13, 2013 at 2:30pm — 12 Comments
---------------------------
ग़ज़ल
---------------------------
कैसा भाईचारा जी
रख दो माल हमारा जी .
दिल का क्या कहना मानें
दिल तो है आवारा जी .
शीशा तोड़ा, क्या तोड़ा ?
तोड़ो तम की कारा जी .
माल अकेले गपक गये
तुम सारे का सारा जी .
जाओ, कूद पड़ो रण में
दुश्मन ने ललकारा जी .
पेट भरेगा…
ContinuePosted on October 1, 2013 at 8:00am — 14 Comments
WAAH PHOTO LAG GAI :)))))))))
धन्यवाद आदरणीय अजीत जी !
स्वागत स्वागत हार्दिक स्वागत
आदरणीय अजीत ’आकाश’ भाईजी, आपका इस मंच पर हार्दिक स्वागत है. पूर्ण विश्वास है, इस मंच के साहित्याग्रही आपकी सुखकर रचनाओं का रसास्वादन करेंगे.
शुभ-शुभ
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |