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Hariom Shrivastava
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Hariom Shrivastava commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"वाह,वाह,बहुत सुंदर दोहे"
Aug 20
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ पाण्डेय सर जी। आप रचना के मर्म से जुड़े और उत्साहवर्धन किया, इस हेतु में दिल से आपका आभारी हूँ।"
Aug 19
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह,वाह,चित्र पर लाजवाब रचना।  बहनों के आने से घर की, रौनक  और  बढ़ी  है। रक्षा-बंधन की मस्ती भी, सबके  शीश  चढ़ी है।।..क्या बात है! सचमुच ही लड़कियों के घर आने से रौनक बहुत बढ़ जाती है। नये-नये  पहने  हैं…"
Aug 19
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय वामनकर सर आपने रचना के मर्म तक जाकर जो प्रतिक्रिया दी उससे मैं अभिभूत होने के साथ-साथ चकित भी हूँ कि कोई इतनी सटीक प्रतिक्रिया भी दे सकता है। पुनः आभार सर।"
Aug 19
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158 in the group चित्र से काव्य तक
"मेरी रचना की सराहना कर उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार आद. प्रतिभा पाण्डे जी।"
Aug 19
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158 in the group चित्र से काव्य तक
"इस उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार आद. धामी जी।"
Aug 19
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158 in the group चित्र से काव्य तक
"विशद व प्रेरक प्रतिक्रिया हेतु आपका हार्दिक आभार आदरणीय अशोक रक्ताले जी। आपका सुझाव उत्तम है,तदनुसार संशोधन करूँगा। किंतु स्वयं से मेरा मतलब है- राखी स्वयं बाँध लेना और मिठाई भी खा लेना। मुझे ऐसा लिखना चाहिए था- राखी स्वयं बाँध खा लेना।"
Aug 19
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह,वाह,वाह,रक्षाबंधन पर शानदार प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय धामी जी।"
Aug 19
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह,वाह,वाह,क्या कहने आदरणीय वामनकर सर! शानदार सार छंदों के सर्जन हेतु हार्दिक बधाई।।"
Aug 19
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह,वाह,लाजवाब व भावप्रवण सार छंद। हार्दिक बधाई आदरणीया प रतिभा पाण्डे जी।"
Aug 19
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 158 in the group चित्र से काव्य तक
"- सार छंद - --------------------------------------------------------- 1- चिट्ठी लिख  पूछे  यह बहिना, भाई  कब  आओगे। अगर न आ पाए तो क्या तुम, मुझको बुलवाओगे।। राखी  के  पंद्रह  दिन पहले, माँ  बुलवा …"
Aug 19
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-165
"वाह,वाह,विषय पर बहुत सुंदर गीत रचा आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी।🙏"
Aug 18
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-165
"हार्दिक आभार आदरणीय वामनकर सर।"
Aug 18
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-165
"हार्दिक आभार आदरणीय दयाराम जी।🙏"
Aug 18
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-165
"वाह,वाह,विषय पर बहुत ही शानदार गीत हुआ है आदरणीय वामनकर सर। लेकिन मुझे एक-दो जगह संशय हो रहा है आदरणीय। जैसे- “अगर समष्टि चिंतन में हो।”...एक मात्रा कम होने से गेयता प्रभावित लगती है। इस तरह अगर कहा जाए? ‘हो समष्टि यदि चिंतन में…"
Aug 18
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-165
"'रक्षा' विषय पर बहुत सुंदर दोहे रचे हैं आद.धामी जी। किंतु दो-तीन जगह ध्यानाकर्षण चाहता हूँ। 'नार' शायद सही वर्तनी नहीं है।..करने को तब आएगे...यहाँ 'आएगे' में मात्राभार शायद 6 होने से एक मात्रा बढ़ेगी, क्योंकि…"
Aug 18

Profile Information

Gender
Male
City State
Bhopal, M.P.
Native Place
Datia, M.P.
Profession
Former Commercial Tax Officer

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At 12:29pm on April 16, 2018, Dr.Rama Dwivedi said…

ओ बी ओ  परिवार में जोड़ने हेतु  समस्त पदाधिकारियों का हार्दिक आभार एवं सादर नमन !

At 12:25pm on April 16, 2018, Dr.Rama Dwivedi said…

ओ बी ओ  परिवार में जोड़ने हेतु बहुत -बहुत आभार आदरणीय Hariom Shrivastava ji 

At 4:56pm on April 20, 2017, Hariom Shrivastava said…
सादर आभार आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी।
At 9:53pm on April 1, 2016,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

आपका अभिनन्दन है.

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योग छंद

छंद विधान [20 मात्रा,12,8 पर यति,अंत 122 से]

मन में हो शंका तो, खून जलाए।

ऐसे  में  रातों को, नींद  न  आए।।

बात अगर मन में जो, रखी दबाए।

अंदर ही अंदर वह, घुन सा खाए।। (1).

बुद्धि नष्ट क्रोधी की, क्रोध   कराए।

क्रोधी ही  अपनों से, बैर    बढ़ाए।।

बात सही क्रोधी को,समझ न आए।

गर्त में पतन के भी, क्रोध   गिराए।। (2).

ईर्ष्या से मानव की, बुद्धि नसाए।

ईर्ष्या ही मन में भी, क्रोध बढ़ाए।।

ईर्ष्या …

Continue

Posted on May 25, 2020 at 8:00pm — 3 Comments

कुण्डलिया छंद-

1-

जितना जब भी जो बचा, खाया सबके बाद।

फिर भी उसने की नहीं, जीवनभर फरियाद।।

जीवनभर फरियाद, नहीं करती यह नारी।

किंतु वृद्ध असहाय, वही अपनों से हारी।।

कहते कवि हरिओम,ध्यान रखना बस इतना।

माँ का प्रेम अनंत, गहन सागर के जितना।।

2-

जिनके जीवन में करे, माँ खुशियाँ अपलोड।

वृद्धावस्था में वही, बदल रहे हैं मोड।।

बदल रहे हैं मोड, मगर माँ तो माँ होती।

करके उनको याद, बैठ आश्रम में रोती।।

कोई कर दे क्लीन, वायरस अब तो इनके।

माँ ने कर अपडेट,…

Continue

Posted on October 29, 2019 at 10:51pm — 3 Comments

कुण्डलिया छंद-

नयनों का जिस क्षण हुआ, नयनों से सम्पर्क।
नयन नयन के हो गए, हुआ न कोई तर्क।।
हुआ न कोई तर्क, नयन नयनों पर छाए।
निकट नयन को देख, नयन नत-नत शरमाए।।
नयना ही आधार, नयन के है चयनों का।
नयन नयन का मेल, निरामय है नयनों का।।
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
#हरिओम श्रीवास्तव#

Posted on September 3, 2019 at 7:04pm — 4 Comments

कुण्डलिया छंद -

1-

ख़ातूनों का हो गया, खत्म एक संत्रास।

चर्चित तीन तलाक का, हुआ विधेयक पास।।

हुआ विधेयक पास, सभी मिल खुशी मनाएँ।

अब होंगी भयमुक्त, सभी मुस्लिम महिलाएँ।।

बीती काली रात्रि, चाँद निकला पूनों का।

बढ़ा आत्मविश्वास, आज से ख़ातूनों का।।

2-

तीस जुलाई ने रचा, एक नया इतिहास।

मुद्दा तीन तलाक पर, हुआ विधेयक पास।।

हुआ विधेयक पास, साँस लेगी अब नारी।

कहकर तीन तलाक, जुल्म होते थे भारी।।

ख़ातूनों ने आज, विजय खुद लड़कर पाई।

दो हजार उन्नीस, दिवस है…

Continue

Posted on July 31, 2019 at 7:51pm — 4 Comments

 
 
 

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