For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

R.C.Singh
Share on Facebook MySpace
  • Feature Blog Posts
  • Discussions
  • Events
  • Groups
  • Photos
  • Photo Albums
  • Videos
 

R.C.Singh's Page

Latest Activity

R.C.Singh commented on Usha's blog post क्षणिकाएँ।
"आदरणीय उषा जी आपने अपनी इस मोहक कविता में वास्तव में भावों को शब्दों में इस तरह पिरोकर उदगारित किया है कि ये कहना गलत न होगा-रख दिया है कागज पर कलेजा निकालकर,आपके उदगार व्यावहारिक हैं । बधाई स्वीकारें।"
Nov 2, 2019

Profile Information

Gender
Male
City State
Meerut
Native Place
Hasanpur
Profession
Assistant Professor
About me
I am a self made person and wish to know the details of whatever come in my way. i want to be in a learning phase forever to upgrade myself

kavita

माँ बैठी थी आँगन मे,सोचे बिचारे अपने मन मे| 
एक फुहार यहाँ भी आएगी, मेरा भी तो हिस्सा है सावन मे || 
बेटा तुम जब घर आओगे, मेरे लिए खुशियाँ लाओगे| 
सब देखेंगे वह आया है, खुशियों की बारिश लाया है || 
टीनू, मीनू,बबलू,पिंकी सब बैठे हैं इंतजार मै| 
भैया फौज से घर आएगा,सबके लिए कुछ-कुछ लाएगा|| 
मै नचूंगीतू गाएगा,सबके मान को खूब भाएगा| 
सब खुश है तॉहफो के लिए. वह पागल बैठी है तेरे प्यारमे | 
                                                                 "मौलिक व अप्रकाशित"

Comment Wall (2 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 10:02pm on October 20, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...

At 11:54pm on April 28, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

आदरणीय आर सी सिंह जी आपके द्वारा बहुत सुन्दर कविता पोस्ट की गई है -

माँ बैठी थी आँगन मे,सोचे बिचारे अपने मन मे| 

एक फुहार यहाँ भी आएगी, मेरा भी तो हिस्सा है सावन मे || 
इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई निवेदित है.
आपसे रचना पोस्ट करने विषयक जानकारी साझा करना चाहता हूँ. आपके द्वारा पोस्ट रचना आपके पन्ने पर है अतः इसे पाठक नहीं देख पाए. अतः आपसे निवेदन है कि रचना ब्लोग्स के अंतर्गत पोस्ट करें 
इसकी बड़ी सहज प्रक्रिया है सबसे पहले  ब्लोग्स पर क्लिक करे जो पेज खुलेगा उसके दाहिनें तरफ Add का बटन लिंक आएगा उसे क्लिक करने पर रचना पोस्ट करने हेतु बॉक्स आएगा जिसमे रचना पेस्ट करें शीर्षक कॉलम में रचना का शीर्षक लिखकर पब्लिश बटन दबाते ही आपका रचना का ब्लॉग पोस्ट हो जाएगा. आशा है शीघ्र ही आपकी मौलिक और अप्रकाशित रचना पढने मिलेगी.
सादर 
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
4 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र जी समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरा कटाक्ष करती बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने है, आज समाज…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service