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क्यारी देखी फूल बिन ,माली हुआ उदास ।
कह दी मन की बात सब, जा पेड़ों के पास ॥
हिन्दी को समृद्धि करन हित, मन में जागी आस ।
गाँव गली हर शहर तक ,करना अथक प्रयास ॥
कदम बढ़ाओ सड़क पर ,मन में रख कर विश्वाश ।
मिली सफलता एक दिन ,सबकी पूरी आश ॥
सूरज चमके अम्बर में , करे तिमिर का नाश ।
अज्ञानता का भय मिटे, फैले जगत प्रकाश ॥
चंदा दमकी आसमान ,गई जगत में छाय ।
हिन्दी पहुंची जन जन में, तब बाधा मिट जाय ॥
हिन्दी हमारी ताज अब, सबको रख कर पास ।
फूटा भांडा ढोंग का ,हुआ तिमिर का नाश ॥
घनी अंधेरी राह में जब राह न दिखती होय ।
हिन्दी साथ में तब चली, राह सुगम तब होय ॥
जब हिन्दी में बात करें, तो गर्व का अनुभव होय ।
गाँव शहर परदेश में , माथा नीच न होय ॥
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण, चहुं दिश हिन्दी आज ।
जाति धर्म के बंधन मिटे, आयी समता आज ॥
दूध और पानी की तरह ,मिल गए सभी समाज ॥
पर्वत सोहे न भाल बिन, नदी बहे बिन नीर ।
देश न सोहे हिन्दी बिन , जीवन रहित शरीर ॥
ध्वज फहराए विश्व में, नभ तक जाए छाय ।
ममता जागे हृदय में , हिन्दी सभी अपनाय ॥
मौलिक एवं प्रकाशित
Posted on September 11, 2021 at 9:30pm — 2 Comments
आज अपने मकसद को पाने में हम होगें कामयाब
मन में रख विश्वास, महामारी से जंग जीत जायेगें
कुदरत के सिद्धांतों पर जब हम चलना सीख जायेगें
जीवन में हम जैसा फल बोयेगें वैसा ही फल खायेगें
आज नहीं तो कल,लोग अपनी गलती समझ जायेगें
आज अपने मकसद को पाने में हम होगें कामयाब ॥
छल कपट राग द्वेश छोड जब जीना सीख जायेगें
लालच त्याग कर, दूसरों के दुख को समझ पायेगें
जिस दिन हम अपनी कमजोरी को ताकत बनायेगें
तभी कोरोना पर अपनी विजय का जश्न मनायेगें
आज अपने मकसद को…
Posted on May 16, 2021 at 8:30am
लेन देन जगत में, कुदरत रखे सब हिसाब ।
मिलता न कुछ मुफ्त में, हम हो कामयाब ॥
अपने आतीत से सीख लें,
पलटकर देख लो इतिहास
मुसीबतों से कुछ सबक ले,
रख सुखी भविश्य की आस ।
हर बाधा की दिशा मोड दो,
कर जीवन में सतत प्रयास ।
विपत्ती में धैर्य से निर्णय लें,
ह्र्दय जगे सफलता की आस ।
मन में जगा विश्वास, आंखों से देखे ख्वाब !
टूटे न मन से आस, लोग होगें कामयाब !!
वक्त रहते आज तू संवार ले,
कल तेरा होगा न उपहास ।
दुख में हिम्मत हार…
Posted on May 15, 2021 at 9:30am
हमारा आज और कल एक सिक्के के दो पहलू हैं
सुनहरे कल के लिए आज की बलि मत चढ़ा दो
माना की आज ज़िंदगी कठिन है पर जीना जरूरी है
उसके लिए अपने भविष्य को बचाना है
तिनके का सहारा लेकर हमें जाना है उस पार ।
हिम्मत न हार तूफान से टकरा
अपने कल के लिए कठिन संघर्ष कर
आया भयंकर तूफान खतरे में जग जहान है
आशा की पतवार है किश्ती नदी मझधार है
हिम्मत न हार हमें जाना है उस पार ।
मंजिल पर दूर तक कोई नजर नहीं आता
छोटा है तो…
ContinuePosted on November 21, 2020 at 3:00pm — 2 Comments
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