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Subhash Trehan
  • Male
  • India
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Gender
Male
City State
New Delhi
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Hatal
Profession
working
About me
something special,,,

Subhash Trehan's Blog

ये जो जिस्म है

ये जो जिस्म है, क्या तिलिस्म है,

कुदरत की कैसी ये किस्म है?

 

मैं बहक गया, वो चहक गया,

मैं तो शोला था, सो दहक गया।…

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Posted on November 3, 2011 at 3:50pm

नेता जी से एक सवाल

तुमसे क्या उम्मीद करूँ, तुम दर्द बांटते रहते हो,

देश जले या लोग मरे, तुम माल काटते रहते हो!

  

तुम नेता हो, नवनिर्मित हो बस अपने सुख की सोचो तुम,…

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Posted on September 28, 2011 at 4:01pm — 3 Comments

मुँह छोटा पर बात बड़ी है।

पेट बडा है, भूख  बड़ी  है,

लोभ भरा है, सोच सड़ी है।

 …

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Posted on September 27, 2011 at 1:06pm — 5 Comments

मेरी भी समस्या का कोई तो समाधान हो

प्रभु!  नभ-जल-थल में तुम्हारा गुणगान हो,

तुमसे छुपाऊँ क्यों, तुम सर्वव्यापिमान हो! 

कैसे मैं कमाई करूँ, मुझे भी तो ज्ञान हो,

मेरी भी समस्या का कोई तो समाधान हो!

 

नियत, हैसियत प्रभु मेरी तुम जानो वैसे,

माल-असबाब यहाँ खा रहे है कैसे कैसे!

चौखट में आया तेरी, वादा चढ़ावे का ले…

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Posted on September 21, 2011 at 1:30pm — 9 Comments

Comment Wall (4 comments)

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At 7:44pm on October 14, 2011, AVINASH S BAGDE said…

धन्धे तुमने बदल दिए पर,

 ठीए वहीं है, वो ही थड़ी है।

 

नेता जी ये ग़ाँठ बाँध लो,

मुँह छोटा पर बात बड़ी है।.......chhota  muh magar bat bahut badi....nice one.


 

At 7:41pm on October 14, 2011, AVINASH S BAGDE said…

सत्ता के गलियारों में जहाँ धूम दिखावे की होती है,

आम आदमी में ये जंग बस रोटी के लिए होती है!...Subhash ji..very nicly said...wakai sthitiya aisi hi hai...

 

At 8:19pm on September 15, 2011, Admin said…

At 6:56pm on September 14, 2011, Anwesha Anjushree said…

Hello...yaha to kuchh samajh nahi aa raha...aap hi raasta dikhaye janab....ak post kiya hai...:)

 
 
 

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