इश्क़ करता है कोन दुनिया में
दिल से मरता है कोन दुनिया में
मुफ़्त शेखी बगारने वाले
तुझसे डरता है कोन दुनिया में
महवे हैरत है आसमां मुझ पर
आहें भरता है कोन दुनिया में
आईना बन गए हैं हम लेकिन
अब संवरता है कौन दुनिया में
सबको करना है कूच दुनिया से
कब ठहरता है कौन दुनिया में
अब न मुंसिफ़ कोई उमर जैसा
अद्ल करता है कौन दुनिया में
दिल की गहराई से तुझे हसरत
याद करता है कौन…
Added by SHARIF AHMED QADRI "HASRAT" on January 20, 2016 at 5:00pm — 5 Comments
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