सिमरन दो साल के बेटे विभु को लेकर जब से मायके आई थी उसका मन उचाट था, गगन से जरा सी बात पर बहस ने ही उसे यंहा आने के लिए विवश किया था | यूँ गगन और उसकी 'वैवाहिक रेल' पटरी पर ठीक गति से चल रही थी पर सिमरन के नौकरी की जिद करने पर गगन ने इस रेल में इतनी जोर क़ा ब्रेक लगाया क़ि यह पटरी पर से उतर गई और सिमरन विभु को लेकर मायके आ गयी | सिमरन अपने घर से निकली तो देखा विभु उस फूल की तरह मुरझा गया था जिसे बगिया से तोड़कर बिना…
ContinueAdded by shikha kaushik on January 23, 2011 at 9:00am — 2 Comments
हर सुबह नई आशा के साथ जागो;
दिल में विश्वास रखो ऊपर वाले के प्रति;
गिरो अगर तो गिरकर संभालो खुद को;
जिन्दगी में जीत फिर तुम्हारी होगी!
ये मत सोचो क्या खो दिया;…
ContinueAdded by shikha kaushik on January 22, 2011 at 9:30am — 2 Comments
Added by shikha kaushik on January 19, 2011 at 10:00pm — 6 Comments
Added by shikha kaushik on January 12, 2011 at 11:00am — 1 Comment
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