वक़्त को भी चाहिए वक़्त, घाव भरने के लिए
ज़ख्म कितने है लगे, हिसाब करने के लिए
बस दवाओं से हमेशा, बात बनती है नहीं
एक दुआ भी चाहिए, असर दिखाने के लिए
खींच लेता हैं समंदर, लहरों को आगोश में
सागर तो होना चाहिए, सैलाब लाने के लिए
पानी में डूबा हुआ, लोहा कभी सड़ता नहीं
बस हवा हीं चाहिए, उसे जंग खाने के…
ContinueAdded by AMAN SINHA on January 23, 2023 at 5:24pm — 1 Comment
कभी मैं दासतां दिल की, नहीं खुल के बताता हूँ
कई हैं छंद होंठो पर, ना उनको गुनगुनाता हूँ
अभी तो पाया था मैंने, सुकून अपने तरानों से
उसे तुम भी समझ जाओ, चलो मैं आजमाता हूँ
जो लिखता हूँ जो पढ़ता, हूँ वही बस याद रहता है
बस कागज कलम हीं है, जो मेरे पास रहता है
भरोसा बस मुझे मेरी, इन चलती उँगलियों पर है
ज़हन जो सोच लेता है, कलम वो छाप देता है
भले दो शब्द हीं लिक्खु, पर उसके मायने तो हो
सजाने को मेरे घर में , कोई एक आईना…
ContinueAdded by AMAN SINHA on January 16, 2023 at 11:30am — No Comments
अपनों को खो देना का ग़म, रह रह कर हमें सताएगा
चाहे मरहम लगा लो जितना, ये घाव ना भरने पाएगा
कैसे हम भुला दे उनको, जो अपने संग हीं बैठे थे
रिश्ता नहीं था उनसे फिर भी, अपनो से हीं लगते थे
कैसे हम अब याद करे ना, उन हँसते-मुस्काते चेहरों को
एक पल में हीं जो तोड़ निकल गए, अपने सांस के पहरों को
हम थे, संग थे ख्वाब हमारे, बाकी सब दुनियादारी…
ContinueAdded by AMAN SINHA on January 10, 2023 at 9:54am — No Comments
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