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नया नग्मा कोई गाओ
पुराने ग़म चले आओ
तुम्हें उड़ना सिखा दूँगा
मिरे पिंजड़े में आ जाओ
अकेलापन अगर अखड़े
उदासी को बुला लाओ
अरे भँवरे, अरी चिड़िया
ग़ज़ल कोई सुना जाओ
शजर बोला परिंदे से
मुहाजिर लौट भी आओ
हमारा दिल तुम्हारा घर
कभी आओ, कभी जाओ
मौलिक और अप्रकाशित
...दीपक कुमार
Added by दीपक कुमार on January 17, 2017 at 1:37pm — 9 Comments
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दिल ने धड़कन उधार ले ली है
कितनी मोटी पगार ले ली है
ख़ूबसूरत लगी तो हमने भी
इक उदासी उधार ले ली है
फिर हवाओं से एक ताइर ने
दुश्मनी बार-बार ले ली है
हमने सुनसान राह में यादों की
इक रिदा ख़ुशगवार ले ली है
हँस-हँसा कर ज़रा संवर जाओ
आँसुओं से निखार ले ली है
मौलिक और अप्रकाशित
...दीपक कुमार
Added by दीपक कुमार on January 16, 2017 at 3:00pm — 5 Comments
फाइलातुन मुफाइलुन फेलुन/फइलुन
पिछली यादों में लौट आए हैं
हम बहारों में लौट आए हैं
जाग जाओ उदास ताबीरों
ख़्वाब आँखों में लौट आए हैं
हम मिले भी यहीं, यहीं बिछड़े
किन ख़यालों में लौट आए हैं
चेहरे पे नूर लौट आएगा
अश्क आँखों में लौट आए हैं
जो मकानों से जा चुके थे मकीं
वो मकानों में लौट आए हैं
मौलिक और अप्रकाशित
...दीपक कुमार
Added by दीपक कुमार on January 6, 2017 at 10:30am — 10 Comments
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