आज मेरी "दुष्कर्म" पर हो रही शोध को पुरे तीन साल हो गएI बस अब तो पर्यवेक्षक का फाइनल वेरिफिकेशन बाकि हैI उसी काम के लिए आज उन्होंने मुझे अपने घर पर बुलाया हैI
"गुड मॉर्निंग सर" - में घर में घुसते ही बोलीI
"आओ दामिनी किसी हो"
"ठीक हुँ सर"
घर में सन्नाटा था, में सोफे पर बैठ गईI "मेडम नहीं दिख रहे" कहाँ है?
वो मायके गई हैI, तपाक से जवाब मिलाI ये सुन में थोड़ी डर गई, वो मेरे पास आकर बैठ गए, मुझे अजीब सी घुटन होने लगीI मेरी धड़कने तेज हो गई, न जाने क्यों मुझे कुछ अनहोनी का…
Added by harikishan ojha on February 22, 2016 at 8:46pm — No Comments
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