दिल से दिल के तार जुड़े संतूर जहाँ में बजते हैं
छंद पहेली गीत ग़ज़ल जब दूर जहाँ में सजते हैं
रुनझुन-रुनझुन घुंघरू आहट का संदेशा लाती है
ताल मिलाती धड़कन से मगरूर जहाँ में लगते है
अंतस मन मेल हुआ दिलबाग रूमानी गुलशन है
रुखसार गुलाबी होंठ शबाबी नूर जहाँ में लगते हैं
हया लबों पे खेल रही है नज़र नज़ाकत शानी है
कोयल किस्से कहती है मशहूर जहाँ में लगते हैं
नैन नख्श नखरों पे है नायाब नवेली नज्म अदा
फिदा फ़साने पर आनंद वो चूर जहाँ में लगते…
ContinueAdded by anand murthy on February 14, 2015 at 2:59pm — 8 Comments
कब तक मनाऊँ मैं, वो अक्सर रूठ जाते हैं|
गर्दिश में अक्सर.... हर सहारे छूट जाते हैं|1
न मनाने का सलीका है,न रिझाने का तरीका है|
मनाते ही मनाते वो अक्सर रूठ जाते है|2
संजोकर दिल में रखता हूँ,नजर को खूब पढ़ता हूँ|
मगर खास होते ही ,अक्सर नजारे छूट जाते हैं|3
आयना समझकर हम.., उन्ही को देख जाते हैं|
संभालने की ही कोशिश में,जो अक्सर टूट जाते…
Added by anand murthy on February 8, 2015 at 9:20pm — 8 Comments
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