माँ को महसूस करती हूँ उनके अंदर ही,
जब दुनिया मे आऊँगी, मुझसे मिलने पापा आओगे न।
दिन भर आपका रास्ता देखती हूँ मै,
शाम को आकर मुझे अपनी बाहों का झूला, पापा झूलाओगे न।
आपके संरक्षण मे खुद को सुरक्षित महसूस करती हूँ मै,
यूं ही पूरा जीवन मुझे सुरक्षित महसूस, पापा कराओगे न।
छोड़ के अपना प्यारा आँगन,किसी और का घर सजाना हैं,
बेटी से बहू बनने तक का सफर पापा पूरा कराओगे न।
Added by Vasudha Nigam on February 24, 2012 at 5:52pm — 1 Comment
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