आज का मामला बहुत गंभीर था| पूरे थाने को अकेले एक हवलदार के भरोसे छोड़कर बाकी सभी पुलिसकर्मी रात से उसी स्थान के आस-पास उसे तलाश रहे थे| सवेरा होते-होते सभी के चेहरों पर थकान झलकने लगी, सवेरे की पाली के पुलिसकर्मीयों को भी वहीँ बुला लिया गया| लेकिन ऊपर से आदेश होने के कारण रात्रि की पाली वाले भी नहीं जा सकते थे|
इतने में वृत्तनिरीक्षक के पास अधीक्षक का फोन आया, उसने फ़ोन उठाया और कहा, "जय हिन्द हुजूर! ....... अभी तक कोई हलचल नहीं हुई है ......... अच्छा! अभी भी इसी इलाके में होने की…
ContinueAdded by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on February 24, 2016 at 8:30am — 6 Comments
"सर, एक छोटा सा प्रार्थना पत्र है, आपकी स्वीकृति चाहिये|" कार्यालय के वरिष्ठ लिपिक ने अपने अधिकारी की तरफ कागज़ और एक कलम बढ़ाते हुए कहा|
अधिकारी ने कलम को छोड़, हाथ से कागज़ लेकर पढ़ना प्रारंभ किया, पढ़ते हुए उसके चेहरे की भंगिमाएं बदल गयीं, आँखों में कुछ तीक्ष्णता भी आ गयी, लेकिन उसने स्वयं को संयत करते हुए कहा, "अभी तीन माह पूर्व ही तो आपके वेतन में असाधारण वृद्धि की थी, अब फिर से...."
"हर संकट में आपका साथ दिया है, इस कुर्सी पर आप बैठे हैं, उसमें कहीं न कहीं मेरा भी तो हाथ…
ContinueAdded by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on February 23, 2016 at 1:00pm — No Comments
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