Added by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on March 30, 2016 at 6:38pm — 8 Comments
Added by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on March 23, 2016 at 10:48am — 4 Comments
2212 122 2212 122
दुःख सर पे चढ़ गया है, पीड़ा पिघल रही है।
हालात की तपिश से, नदिया निकल रही है।।
मरघट सा हो गया है, हर रास्ता शहर का।
इंसानियत चिता पर, हर ओर जल रही है।।
ज़िंदा अभी तलक हैं, रावण दहेज़ वाले।
अब भी दहेज़ वाली, क्यों सोच पल रही है।।
विद्रोह कर रही है, अब सोच भी हमारी।
क्यों मौन हूँ अभी तक, ये बात खल रही है।।
ग़र चे कलम के बदले, हथियार उठ गया तो।
पंकज से फिर न…
ContinueAdded by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on March 21, 2016 at 11:30am — 6 Comments
122 122 122 122
निगाहें भला क्यूँ मिलाते नहीं हो।
मनस पृष्ठ मुझको पढ़ाते नहीं हो।।
छिपाते हो तुम राज अपने जिया के।
बताओ मुझे क्यों बताते नहीं हो।।
हैं चेहरे पे क्यों ये उदासी की पर्तें।
भला नूर क्यूँ तुम दिखाते नहीं हो।।
सघन वेदना के जो घन हैं हृदय में।
भला फिर क्यूँ दरिया बहाते नहीं हो।।
मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं है।
सिवा इसके तुम मुस्कुराते नहीं हो।।
है 'पंकज'का नाता अगर नीर ही से।
तो नैनों में…
Added by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on March 14, 2016 at 12:00am — 17 Comments
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर समस्त शिव भक्तों को सादर भेंट
.
जटाओं से निकल रही है, धार गंग नाथ शिव।
मुस्कुरा रहे गले में, धर भुजंग नाथ शिव।।
डमड्ड डमड्ड निनाद पर, हैं नृत्य कर रहे सभी।
मन लुभाये रूप आपका, मलंग नाथ शिव।।1।।
पाँव में कड़ा है और, त्रिशूल हाथ में धरे।
बाँध कर कमर में छाल, व्याह को चले हरे।।
चन्द्र ये ललाट पर, है विश्व दंग नाथ शिव।
मन लुभाये रूप आपका, मलंग नाथ शिव।।2।।
भंग की खुमार में हैं मस्त आज तो सभी।
सिर विहीन…
Added by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on March 6, 2016 at 9:30pm — 2 Comments
2212 121 1222 212
इतना कमाल हुस्न, दिखाया ही किसलिये।
होनी नही थी बात, बुलाया ही किसलिये।।
मौका नहीं था देना, इबादत का ग़र हमें।
बुत से भला नक़ाब, हटाया ही किस लिये।।
सुननी नहीं थी तुमको, अगर मेरी आरज़ू।
फिर नाम का भजन ये, सिखाया ही किसलिये।।
हम भूल ही गये थे, कि लेनी है साँस भी।
जब मारना ही था तो, जिलाया ही किसलिये।।
अरमान सब थे दफ़्न, सुकूँ में बहुत थे हम।
बर्बाद गुल था करना, खिलाया ही किसलिये।।
मौलिक…
Added by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on March 5, 2016 at 12:00am — 9 Comments
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