पूछते क्या हो यूं लेकर सवाल आंखों में
पढ सको पढ लो मेरा सारा हाल आंखों में
देखना था कि समंदर से क्या निकलता है
बस यही सोच के फेंका था जाल आंखों में
वो मिरे सामने आती है झुकाए पलकें
हया को रखा है उसने संभाल आंखों में
नजर से नब्ज पकडकर इलाज कर भी कर दे
वो लेकर चलती है क्या अस्पताल आंखों में
जो उसका साथ है तो तीरगी से डर कैसा
इश्क में जलने लगती है मशाल आंखों में।। #अतुल
…
Added by atul kushwah on April 27, 2020 at 4:50pm — 1 Comment
विश्व आपदा में ईश्वर से प्रार्थना
हे मनुष्यता के पृतिपालक हे प्रति पालक हे मनुष्यता
क्या भूल हुई क्या गलती है अब क्षमा करो हे परमपिता।
अब राह दिखाओ दुनिया को मुश्किल सबकी आसान करो
हे कायनात के संचालक सारे जग का कल्याण करो।
ये कैसी विपदा है भगवन कैसा ये शोर धरा पर है
जो सदियों से जीवित है अब संकट उस परम्परा पर है।
जग त्राहि माम कर बैठा है नेतृत्व विफल है प्राणनाथ
शाखों के परिंदों को अपने इन्द्रियातीत मत कर…
Added by atul kushwah on April 6, 2020 at 10:30pm — No Comments
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