न जाने क्यों अकड़ते है लोग
जब मालूम होता है सभी को
जाना है एक दिन इस जहां से
प्यार से जीने में क्या जाता है
अकड़ से क्या मिल जाता है
इतने अनजान भी नहीं लोग
बचपन में ही जान जाते है
प्यार से मिलता है प्यार
अकड़ से मिलती है डांट
तब भी न जाने कहां से
जुबान में आ जाती है खटास
इतिहास की बात करता नहीं
खुद देखा है मैंने
कल तक जिन्हें अकड़ते हुए
रूखसत हो गए जहां से
अब वो रहते प्यार से
करते रहते…
ContinueAdded by Harish Bhatt on June 28, 2012 at 1:53pm — 2 Comments
मैं जानता हूं
आप कुछ नहीं कर सकेंगे
पढ़ कर, सोचेंगे थोड़ा
या हो सकता है
बिल्कुल भी नहीं देंगे ध्यान
सही भी है
आपकी भी अपनी हैं परेशानियां
ऐसे में मेरे लिए कहां होगा समय
लेकिन फिर भी बताता हूं आपको
अपने मन की बात
बहुत परेशान करती है
छोटी-छोटी बातें
हो कोई बड़ी समस्या
तो की जा सकती है तैयारियां
मांगी जा सकती है मदद
लेकिन क्या करूं
जब समस्याएं हो छोटी-छोटी और
फैला दूं हाथ - मांगू मदद
तब लगता है
आखिर अब मैंने क्या…
Added by Harish Bhatt on June 25, 2012 at 2:42pm — 9 Comments
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