श्रद्धांजलि
हिन्दी का जग सूना सूना,कवि नीरज के जाने से
मर्माहत साहित्य जगत है, यह हीरा खो जाने से
भूल नहीं पाएंगे हम सब,नीरज की कविताओं को
गीतों में ढाला है जिसने,नित मदमस्त फिजाओं को ll
देदीप्यमान अम्बरादित्य, बिन काव्यजगत ये रीता है
नीरज अब नीर विलीन हुआ, मन भ्रमर गमों को पीता है
मुखरित होता था प्रेम रुदन,सौंदर्य वेदना गीतों में
इक रूह झंकरित होती थी, उनके हर संगीतों में ll
कविता कानन का मन मयूर, ढूंढ…
ContinueAdded by डॉ छोटेलाल सिंह on July 23, 2018 at 2:51pm — 6 Comments
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