श्रद्धांजलि
हिन्दी का जग सूना सूना,कवि नीरज के जाने से
मर्माहत साहित्य जगत है, यह हीरा खो जाने से
भूल नहीं पाएंगे हम सब,नीरज की कविताओं को
गीतों में ढाला है जिसने,नित मदमस्त फिजाओं को ll
देदीप्यमान अम्बरादित्य, बिन काव्यजगत ये रीता है
नीरज अब नीर विलीन हुआ, मन भ्रमर गमों को पीता है
मुखरित होता था प्रेम रुदन,सौंदर्य वेदना गीतों में
इक रूह झंकरित होती थी, उनके हर संगीतों में ll
कविता कानन का मन मयूर, ढूंढ रहा अमराई को
जीवन तरुवर का विहग वृन्द, तरस रहा कविताई को
मिल गयी अमरता नीरज को, श्रध्दा सुमन चढ़ाते हैं
काव्यजगत के अमर कुंज को,अपना शीश झुकाते
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
वाह वाह सुन्दर सरस श्रद्धा सुमन अर्पित किये हैं आपने परम आदरणीय नीरज जी को..
हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ छोटेलाल जी। सुंदर श्रद्धाँजली।
जनाब डॉ.छोटेलाल सिंह जी आदाब,गीतों के बादशाह को अच्छे शब्दों में श्रद्धांजलि पेश की आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
सुंदर सटीक शब्दों में पंक्तियों द्वारा नीरज जी को श्रद्धांजलि,हार्दिक बधाई स्वीकार कीजियेगा आदरणीय सरजी।
बेहतरीन श्रद्धांजलि, हार्दिक बधाई ।
आदरणीय छोटे लाल जी आदाब,
गीत-ऋषि नीरज को श्रद्धांजलि स्वरूप प्रस्तुत बेहतरीन रचना । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
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