पुलिस के सिपाही अकसर चौराहे से नदारद रहते, । सरकारी ड्यूटी बीच में छोड़ किसी अपने निजी काम से निकल जाते। किन्तु उनके जाते ही एक वृद्ध हाथ में तख्ती लिये वहां खड़ा हो जाता, जिस पर लिखा होता:
"जिंंदगी ज़्यादा ज़रूरी है, जल्दबाज़ी न करें'
कुछ लोग रूक कर पूछ लेते
'बरसों से देख रहे है बाबा, क्यों इतनी परेशानी उठाते हो ? इस काम के लिए पुलिस है न यहाँ।"
"हाँ बेटा, पर पुलिस क्या जाने दर्द क्या होता है।"
"उनको तो सरकार तनख्वाह देती है, तुम सारा दिन क्यों खपते रहते हो…
ContinueAdded by Nita Kasar on July 7, 2015 at 1:30pm — 9 Comments
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