For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वृद्धाश्रम: लघुकथा

कौन है जो घंटी बजा रहा है,?चौकीदार तुम से काम ढंग से नही होता तो काम छोड़ दो।
'मेडम जी एक बुड्डा आया है,जिद्दी है कहता मिलना ज़रूरी है।
"देख राजू आख़िरी चेतावनी है तेरे लिये आलतू ,फ़ालतू लोगों को भगा नही सकता चले आते है समय बेसमय।
लगता हैवह इनाम की आस में आया है , हमारे टामी का विज्ञापन पढ़कर।"
अरे! क्या कह रहे हो राजू उसे बैठक में बैठाओ ,पानी,चाय लेते आना ,अभी आती हूँ।
बाहर ससुर को देखकर मालकिन के पाँव तले ज़मीन खिसक गई ।
"बेटा ,टामी वृद्धाश्रम आ गया था मेरे साथ खेलने ।"

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 722

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by pratibha pande on August 4, 2016 at 10:00pm

  बहुत अच्छी रचना ,हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीया नीता जी 

Comment by Nita Kasar on August 4, 2016 at 9:14pm
कथा पसंदगीहेतु हेतु आप सभी का सादर आभार।।माता पिता के लिये घर में मन में जगह नही है पर कुत्ते के लिये विज्ञापन दिया जाता है कितने स्वार्थी हो जाते है कुछ लोग कि जन्मदाता को भूल जाते है पशु प्रेम गलत नही होता पर माता पिता के एवज़ में तो गलत ही माना जायेगा ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 4, 2016 at 8:24pm

शानदार लघु कथा हुई आद० नीता जी हार्दिक बधाई |

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on August 3, 2016 at 11:11pm
बेहद तीखी डंकसंवादों/डंकपंक्ति युक्त रचना के लिए हृदयतल से बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीया नीता कसार जी।
Comment by Dr. Vijai Shanker on August 3, 2016 at 7:48pm
कितनी कहानियां होंगी वृद्धाश्रमों की। दुःख भरी भी और सामान्य भी। कुछ के पीछे महानगरीय समस्याएं भी होगी , साथ रहने के लिए घर बड़ा चाहिए। टू बैडरूम की संस्कृति में , उसमें भी सीमित पानी, सीमित बिजली , बच्चे ही अधिक हों तो जीना मुहाल , मेहमान दो दिन रुक जाए तो...... , जाने दीजिये , आखिर वही माँ बाप बच्चे को हॉस्टल भी भेजते हैं।
समस्यायों का निदान भी ढूंढना चाहिये , वानप्रस्थ बहुत सोची , सुलझी , समझदार व्यवस्था थी , शायद चली भी बहुत थी।
लेकिन इन बातों से इतर , कथा बहुत अच्छी है , बधाई , आदरणीय सुश्री नीता कसर जी , सादर।
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on August 3, 2016 at 3:41pm
अच्छी कथा हुई है आदरणीया दी ।हार्दिक बधाई ।
Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 3, 2016 at 3:08pm

लाजवाब लघु कथा 

Comment by Rahila on August 3, 2016 at 12:18pm
बहुत बेहतरीन रचना आदरणीया दीदी!सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
21 seconds ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"स्वागतम"
11 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र जी, हृदय से आभारी हूं आपकी भावना के प्रति। बस एक छोटा सा प्रयास भर है शेर के कुछ…"
12 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"इस कठिन ज़मीन पर अच्छे अशआर निकाले सर आपने। मैं तो केवल चार शेर ही कह पाया हूँ अब तक। पर मश्क़ अच्छी…"
13 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र ji कृपया देखिएगा सादर  मिटेगा जुदाई का डर धीरे धीरे मुहब्बत का होगा असर धीरे…"
14 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"चेतन प्रकाश जी, हृदय से आभारी हूं।  साप्ताहिक हिंदुस्तान में कोई और तिलक राज कपूर रहे होंगे।…"
14 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"धन्यवाद आदरणीय धामी जी। इस शेर में एक अन्य संदेश भी छुपा हुआ पाएंगे सांसारिकता से बाहर निकलने…"
14 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय,  विद्यार्जन करते समय, "साप्ताहिक हिन्दुस्तान" नामक पत्रिका मैं आपकी कई ग़ज़ल…"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"वज़न घट रहा है, मज़ा आ रहा है कतर ले मगर पर कतर धीरे धीरे। आ. भाई तिलकराज जी, बेहतरीन गजल हुई है।…"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
14 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीया, पूनम मेतिया, अशेष आभार  आपका ! // खँडहर देख लें// आपका अभिप्राय समझ नहीं पाया, मैं !"
14 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय रिचा यादव जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
14 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service