Added by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on August 22, 2015 at 5:00pm — 8 Comments
वातानुकूलित कक्ष में बैठकर
तुम करते हो
देश के लिए
देश की जनता के लिये
अच्छे दिन लाने के लिये
जी –तोड़ काम
पर काम किसे कहते है
तुम नहीं जानते
और यदि जानते हो
तो आ जाओ साथ
हो जांए आपस में दो-दो हाथ
मैं एक ओर
चलाता हूँ कुदाल
दूसरा छोर
मेरे भाई तू संभाल
देखते है किसका
है पसीना लहू बनता
देश मेरे दोस्त
लफ्फाजी से नहीं चलता
कोई खेत सोना
यूँ ही नहीं…
ContinueAdded by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on August 1, 2015 at 5:30pm — 1 Comment
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