बिना तेरे हर एक लम्हा मुझे दुशवार है जानाँ
अगर ये प्यार है जानाँ, तो मुझको प्यार है जानाँ
हसीं चेहरे बहुत देखे फ़िदा होना भी मुमकिन था
फ़िदा हो कर फ़ना होना ये पहली बार है जानाँ
हमें कहना नहीं आया ,और समझा भी नहीं तुमने
मेरा हर लफ़्ज़ तुमसे प्यार का इज़हार है …
Added by saalim sheikh on September 7, 2016 at 5:30am — 3 Comments
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