Added by Manan Kumar singh on September 28, 2016 at 8:34am — 13 Comments
2122 2122 2122 2
फूल हैं खिलते निगाहें चार करते हैं,
बागवाँ पर हम बड़ा एतबार करते हैं।1
बाँटते खुशबू जमाने से रहे सब हम,
झेलते झंझा कहाँ तकरार करते हैं?2
हम बटोही प्यार के दो बोल के भूखे ,
खुशनुमा बस आपका संसार करते हैं।3
हैं विहँसते हम सदा बगिया सजाने को,
प्यास आँखों की बुझा आभार करते हैं।4
हो नहीं सकता मसल दे पंखरी कोई,
खार भी रखते बहुत हम प्यार करते हैं।5
जां लुटाने की अगर नौबत हुई तब भी,…
Added by Manan Kumar singh on September 26, 2016 at 7:00am — 6 Comments
Added by Manan Kumar singh on September 15, 2016 at 8:30pm — 9 Comments
Added by Manan Kumar singh on September 5, 2016 at 5:00am — 8 Comments
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