ज़िन्दगी खत्म तो नहीं होगी
रूह भी जिस्म में कहीं होगी
धड़कनें दिल मे ही बसी होगी
बस तेरी थोड़ी सी कमी होगी
ये शब ओ रोज़ यूं ही गुज़रेंगे
चाँद सूरज भी पाली बदलेंगे
धूप होगी और चांदनी होगी
बस तेरी थोड़ी सी कमी होगी
वक़्त मुझे भूलना सिखा देगा
फिर कोई आएगा, हंसा देगा
बाद तेरे भी हर ख़ुशी होगी
बस तेरी थोड़ी सी कमी होगी
याद धुँधली तो हो ही जाएगी
वो…
Added by saalim sheikh on October 31, 2018 at 10:51pm — 3 Comments
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