किस्से हैं , कहानी है
दुनिया अनजानी है
कोई कब आएगा ?
कोई कब जाएगा ?
कौन जानता भला ?
केवल रवानी है
किस्से हैं - -
अभी तो यहीं था
कैसे चला गया ?
बार-बार दोहराती
बात पुरानी है
किस्से हैं - -
ख़ाली ही आया धा
ख़ाली विदा हुआ
बार -बार पाने की
ज़िद , दीवानी है
किस्से हैं - -
निर्मोही देह में
मोह पोसा गया
पाया न मनभाया
नित- नित कोसा गया
फिर…
ContinueAdded by Usha Awasthi on October 12, 2019 at 9:00pm — 2 Comments
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