For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

डॉ छोटेलाल सिंह's Blog – October 2017 Archive (3)

बेहाल जिन्दगी

बेहाल जिन्दगी



बिखरे सूखे पत्तों के बीच

फूस की झोपड़ी में

बेहाल जिन्दगी

अटकी साँसे

दुहाई दे रही थीं

सिर्फ जीने के लिए

दूर स्थित खेत में

कुछ काले श्वान

दूषित मटमैले

चेहरों पर भौंक रहे थे

बार बार गूँजती आवाज

सहमा डरा चेहरा

बहुत निराश

कम्पित भयावहता के बीच

कुछ टूटे फूटे बर्तन

बिखरे पड़े इधर उधर

बहते अश्रुओं के बीच

कोस रहे थे

अपनी बदनसीबी पर

निरीह आँखे निहार रही थी

ऊँचे मुंडेर… Continue

Added by डॉ छोटेलाल सिंह on October 31, 2017 at 12:23pm — 18 Comments

दीवाली (सरसी छन्द)

दीवाली (सरसी छन्द)





दिल से दिल के तार मिलाएं, दीवाली के नाम

खाएं और खिलाएं सबको,दें अच्छा पैगाम



एक दीप सा बन जीवन में, करें सदा उल्लास

मन मंदिर में ज्ञानदीप से,नित ही करें प्रकाश



झूम झूमकर खुशी मनाएं,बैठें सबके संग

कर्म सुगम पथ सब अपनाएं,सीख हुनर औ ढंग



बोलें मीठी वाणी सबसे,करें नहीं विद्वेष

दुनिया में है सबसे न्यारा,प्यारा भारत देश



एक बनेंगे नेक बनेंगे,ऊँचा होगा नाम

सुन्दर समाज अपना होगा,नेक करेंगे… Continue

Added by डॉ छोटेलाल सिंह on October 25, 2017 at 3:31pm — 9 Comments

बचपन

बचपन होता कितना प्यारा

लगता है हम सबको न्यारा

भेदभाव से है अनजाना

हर गम से होता बेगाना ll



खेलकूद कर हँसता गाता

स्नेह भाव से रखता नाता

नटखट रूप सदा मन भाये

नाचे गाये और बजाये ll



गेमतड़ी औ गिल्ली डंडा

पाये जीत लगा हथकंडा

आइस पाइस छुपन छुपाई

बचपन कितना प्यारा भाई ll



बचपन का हर पन्ना सादा

सीख रहा सबसे मर्यादा

मन की झिझक मिटाता जाता

खाता पीता हँसता गाता ll



मधुर घड़ी बचपन की होती

मात पिता बिन… Continue

Added by डॉ छोटेलाल सिंह on October 18, 2017 at 4:33pm — 9 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

ajay sharma shared a profile on Facebook
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Sunday
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय Dayaram Methani जी, लघुकथा का बहुत बढ़िया प्रयास हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service