Added by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on November 17, 2015 at 5:09pm — 4 Comments
Added by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on November 15, 2015 at 8:11pm — 2 Comments
Added by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on November 11, 2015 at 11:49pm — 13 Comments
Added by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on November 8, 2015 at 7:28pm — 8 Comments
16 रुक्नी ग़ज़ल
=====================================
नफ़रत का बाज़ार सजा है; हममें जितनी, कीमत उतनी।
इच्छाओं का दाम लगा है, खुदमें जितनी, कीमत उतनी।।
इस पुस्तक के पन्नों पर तुम, नैतिकता क्यों कर लिखते हो।
मानवता की छद्म व्याख्या, इसमें जितनी, कीमत उतनी।।
व्यवहार और समाचार में, सिर्फ एक सम्बन्ध यही है।
नमक मिर्च की हुई मिलावट, इनमें जितनी, कीमत उतनी।।
कलयुग वाले महाराज के, दरबारी मानक बदले हैं।
चाटुकारिता भरी हुई है, जिसमें…
Added by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on November 7, 2015 at 9:30am — 13 Comments
Added by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on November 2, 2015 at 10:30pm — 18 Comments
Added by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on November 1, 2015 at 10:46am — 10 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |