For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Rajkumar sahu's Blog – November 2011 Archive (5)

व्यंग्य - जूते और थप्पड़ का कमाल

जूता, जितना भी महंगा हो, हम सब की नजर में मामूली ही होता है और उसकी कीमत कुछ नहीं होती। जूता चाहे विदेश से भी खरीदकर लाया गया हो, फिर भी उसे सिर पर न तो पहना जाता है और न ही रखा जाता है। जूते तो बस, पैर के लिए ही बने हैं। जैसे, ओहदेदार लोगों के लिए कुछ लोग जूते के समान होते हैं,। वैसे भी जूते का वजन, कहां कोई तौलता है। अभी देश में खास किस्म के जूते कभी-कभी नजर आ जाते हैं, जिनकी अहमियत के साथ पूछपरख भी होती है। यह जूते भी उतना ही मामूली होते हैं, जितना बाजार में मिलने वाले जूते। ऐसे कुछ जूतों की… Continue

Added by rajkumar sahu on November 29, 2011 at 10:29pm — 1 Comment

व्यंग्य - सरकारी नौकरी की सोच

अभी हाल ही में मेरा एक मित्र मिल गया। उनसे काफी अरसे से भेंट नहीं हो पाई थी। जब उनका हालचाल पूछा तो बेरोजगारी का दर्द उनके चेहरे पर आ गया और उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी की चाहत, ऐसे बताया कि मेरा भी दिल पसीज गया, क्योंकि मैं भी बेरोजगारी की मार झेल रहा हूं। ये अलग बात है कि लिख्खास बनकर बेरोजगारी का दर्द जरूर मेरा कम हो गया है, लेकिन मेरे मित्र के हालात कुछ और ही थे।

खुद के बारे में बताने के बाद और बताया कि उन्होंने रोजी-रोटी के लिए एक छोटा व्यवसाय शुरू किया है, किन्तु वह भी उधारी की मार से… Continue

Added by rajkumar sahu on November 24, 2011 at 11:39pm — No Comments

कहां है 40 छत्तीसगढ़िया ?

छत्तीसगढ़ के 11 बरस होने पर राज्य सरकार जहां प्रदेश के सभी जिलों में राज्योत्सव जैसे आयोजन कर खुशियां मनाने में जुटी हैं, वहीं एक तबका ऐसा भी है, जो अपने सीने में अपनों की मौत का दर्द लिए बैठा है। समय गुजरने के बाद भी उनकी टीस कम होने का नाम नहीं ले रही है। राज्य सरकार की बेरूखी ने उनकी तकलीफों को और बढ़ा दी है।

साल भर पहले 5 अगस्त 2010 को जम्मू के ‘लेह’ में बादल फटने से जिले के दर्जनों गांवों से रोजी-रोटी की तलाश में गए मजदूरों की बड़ी संख्या में मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए, जिसका…

Continue

Added by rajkumar sahu on November 5, 2011 at 12:02pm — No Comments

व्यंग्य - महंगाई की चिता

हम अधिकतर कहते-सुनते रहते हैं कि चिंता व चिता में महज एक बिंदु का फर्क है। देश की करोड़ों गरीब जनता, महंगाई की आग में जल रही है और उन्हें चिंता खाई जा रही है। वे इसी चिंता में दुबले हुए जा रहे हैं। महंगाई के कारण ही कुपोषण ने भी उन्हें घेर लिया है। जैसे वे गरीबी से जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे हैं, वैसे ही महंगाई के कारण गरीब, हालात से लड़ रहे हैं। महंगाई की चिंता अब उनकी ‘चिता’ बनने लगी है। वैसे मरने के बाद ही हर किसी को चिता में लेटना पड़ता है और जीवन से रूखसत होना पड़ता है। महंगाई ने इस बात को धता…

Continue

Added by rajkumar sahu on November 4, 2011 at 11:12pm — No Comments

व्यंग्य - किसे कराएं पीएचडी

मुझे पता है कि देश में संभवतः कोई विषय ऐसा नहीं होगा, जिस पर अब तक पीएचडी ( डॉक्टर ऑफ फिलास्फी ) नहीं हुई होगी। कई विषय तो ऐसे हैं, जिसे रगडे पर रगड़े जा रहे हैं। कुछ समाज के काम आ रहे हैं तो कुछ कचरे की टोकरी की शोभा बढ़ा रहे हैं। ये अलग बात है कि कुछ विषय ही इतने भाग्यशाली हैं कि उसे जो भी अपनाता है, वह बुलंदी छू लेता है। पीएचडी के लिए मुझे लगता है कि आपमें विषय चयन की काबिलियत होनी चाहिए, उसके बाद फिक्र करने की जरूरत नहीं होती। विषय तय होने के बाद सामग्रियां जहां-तहां से मिल ही जाती हैं,…

Continue

Added by rajkumar sahu on November 2, 2011 at 11:00am — 1 Comment

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"शुक्रिया आदरणीय। आपने जो टंकित किया है वह है शॉर्ट स्टोरी का दो पृथक शब्दों में हिंदी नाम लघु…"
10 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"आदरणीय उसमानी साहब जी, आपकी टिप्पणी से प्रोत्साहन मिला उसके लिए हार्दिक आभार। जो बात आपने कही कि…"
15 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"कौन है कसौटी पर? (लघुकथा): विकासशील देश का लोकतंत्र अपने संविधान को छाती से लगाये देश के कौने-कौने…"
20 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"सादर नमस्कार। हार्दिक स्वागत आदरणीय दयाराम मेठानी साहिब।  आज की महत्वपूर्ण विषय पर गोष्ठी का…"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी , सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ.भाई आजी तमाम जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"विषय - आत्म सम्मान शीर्षक - गहरी चोट नीरज एक 14 वर्षीय बालक था। वह शहर के विख्यात वकील धर्म नारायण…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . . .

कुंडलिया. . .चमकी चाँदी  केश  में, कहे उम्र  का खेल । स्याह केश  लौटें  नहीं, खूब   लगाओ  तेल ।…See More
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सादर प्रणाम - सर सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post भादों की बारिश
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपकी लघुकविता का मामला समझ में नहीं आ रहा. आपकी पिछ्ली रचना पर भी मैंने…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का यह लिहाज इसलिए पसंद नहीं आया कि यह रचना आपकी प्रिया विधा…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . . .
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी कुण्डलिया छंद की विषयवस्तु रोचक ही नहीं, व्यापक भी है. यह आयुबोध अक्सर…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service