३ क्षणिकाएँ :
दूर होती गईं
करीब आती आहटें
शायद
घुटनें टेक दिए थे
साँसों ने
इंतज़ार के
.............................
दूर चला जाऊँगा
स्वयं की तलाश में
आज रात
जाने किसके बिम्ब में
हो गया है
समाहित
मेरा प्रतिबिम्ब
..............................
हां और न के
लाखों चेहरे
हर चेहरे पर
गहराती झुर्रियाँ
हर झुर्री
विरोधाभास को जीतने की
दफ़्न…
Added by Sushil Sarna on November 26, 2019 at 4:30pm — 12 Comments
पानी पर चंद दोहे :
प्यासी धरती पर नहीं , जब तक बरसे नीर।
हलधर कैसे खेत की, हरित करे तकदीर।१ ।
पानी जीवन जीव का, पानी ही आधार।
बिन पानी इस सृष्टि का, कैसे हो शृंगार।२ ।
पानी की हर बूँद में, छुपा हुआ है ईश।
अंतिम पल इक बूँद से, मिल जाता जगदीश।३ ।
पानी तो अनमोल है, धरती का परिधान।
जीवन ये हर जीव को, प्रभु का है वरदान।४ ।
बूँद बूँद अनमोल है, इसे न करना व्यर्थ।
अगर न चेते आज तो, होगा बड़ा अनर्थ।५…
Added by Sushil Sarna on November 22, 2019 at 7:30pm — 12 Comments
दो क्षणिकाएँ ...
पुष्प
गिर पड़े रुष्ट होकर
केशों से
शायद अभिसार
अधूरे रहे
रात में
........................
मौन को चीरता रहा
अंतस का हाहाकार
कर गयी
मौन पलों का शृंगार
वो लजीली सी
हार
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित
Added by Sushil Sarna on November 19, 2019 at 4:34pm — 8 Comments
उजला अन्धकार ...
होता है अपना
सिर्फ़
अन्धकार
मुखरित होता है
जहाँ
स्वयं से स्वयं का साक्षात्कार
होता है जिसके गर्भ से
भानु का
अवतार
नोच लेता है जो
झूठ के परिधान का
तार तार
सच में
न जाने
कितने उजालों के
जालों को समेटे
जीता है
समंदर सा
उजला अन्धकार
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित
Added by Sushil Sarna on November 13, 2019 at 1:41pm — 8 Comments
कुछ दिए ...
कुछ दिए जलते रहे
बुझ के भी
तेरे नाम के
कुछ दिए जलते रहे
बेनूर से
मेरे नाम के
कुछ दिए जलते रहे
शरमीली
पहचान के
रह गए कुछ दिए
तारीक में
अंजान से
बेनाम से
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित
Added by Sushil Sarna on November 12, 2019 at 8:51pm — 6 Comments
कुछ हाइकु :
लोचन नीर
विरहन की पीर
घाव गंभीर
कागज़ी फूल
क्षण भर की भूल
शूल ही शूल
देह की माया
संग देह के सोया
देह का साया
झील का अंक
लहरों पर नाचे
नन्हा मयंक
यादों के डेरे
ख़ुशनुमा अँधेरे
भूले सवेरे
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित
Added by Sushil Sarna on November 4, 2019 at 7:27pm — 10 Comments
2024
2023
2022
2021
2020
2019
2018
2017
2016
2015
2014
2013
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |