For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Nilesh Shevgaonkar's Blog – December 2013 Archive (5)

ग़ज़ल -निलेश 'नूर'-जब कि हर इक फ़ैसला मंज़ूर है

२१२२/२१२२/२१२ 

.

जब कि हर इक फ़ैसला मंज़ूर है,

फिर भी वो कहता हमें मगरूर है.

.

दोष है फ़ितरत का, ज़ख्मों का नहीं,

ज़ख्म जो प्यारा है वो नासूर है.   

.

ख़ासियत कुछ भी नहीं उसमे, फ़क़त,

वो मेरा क़ातिल है सो मशहूर है.

.

नब्ज़ मेरी थम गयी तो क्या हुआ,

जान मुझ में आज भी भरपूर है.

.

जिस्म है बाक़ी हमारे दरमियाँ,

पास है, लेकिन अभी हम दूर है.

.

बात अब उनसे मुहब्बत की न कर,

लोग समझेंगे, नशे में चूर है.…

Continue

Added by Nilesh Shevgaonkar on December 20, 2013 at 5:00pm — 27 Comments

कटाक्ष -हे ईश्वर ...

हे ईश्वर

.

जूते का फीता बांधकर जैसे ही उठा, सामने किसी अपरचित को खड़ा देख मै चौक गया. लगा की मै सालों से उसे जानता हूँ पर पहचान नहीं पा रहा हूँ. बड़े संकोच से मैंने पूछा-" आप--", मै अपना प्रश्न पूरा करता इस-से पहले ही उन्होंने बड़ी गंभीर आवाज़ में कहा -" मै ईश्वर हूँ".

उन की गंभीर वाणी में कुछ ऐसा जादू था की मुझे तुरंत विश्वास हो गया की मै इस पूरी कायनात के मालिक से रूबरू हूँ. मैंने खुद को संभाला और अपे स्वभाव के अनुरूप उन पर प्रश्नों की झड़ी लगा दी.…

Continue

Added by Nilesh Shevgaonkar on December 17, 2013 at 8:30am — 9 Comments

ग़ज़ल-निलेश'नूर'-न समझो लड़ाई वो हारा हुआ है

१२२/१२२/१२२/१२२ 



न समझो लड़ाई वो हारा हुआ है,

उसे हारने का इशारा हुआ है.

***

उसे चाँद तारों की संगत मिली थी,

वो आवारगी में हमारा हुआ है.

***

मरूँगा, बचूंगा, नहीं है पता ये,

मगर वार दिल पे, करारा हुआ है.

***

बचा है वो ऐसे, जिसे डूबना था,      

कि फिर कोई तिनका सहारा हुआ है.  

***

सिकुड़ने लगा है मेरा आसमां अब,

नज़र से नज़र तक, नज़ारा हुआ है. 

***

वो आतिशफिशा था, मगर अब ये…

Continue

Added by Nilesh Shevgaonkar on December 12, 2013 at 9:17am — 44 Comments

ग़ज़ल -निलेश 'नूर'-ऐब खुद में ....

ऐब खुद के ढूंढकर उनसे किनारा कर लिया,

उस जहाँ के वास्ते थोडा सहारा कर लिया.

...

एक पल पर्दा हटा, आँखें खुली बस एक पल,  

क्या ही था वो एक पल, क्या क्या नज़ारा कर लिया.

...

दर्द हद से बढ़ गया, लेनें लगा फिर जान जब,

दर्द हम जीने लगे उसको ही चारा कर लिया.

...

इक तरफ़ तो मौत थी औ इक तरफ़ बेइज्ज़ती,

और हम करतें भी क्या, मरना गवारा कर लिया.

...

वो हमारे दिल को तोड़ें, था हमें मंज़ूर कब,

हमने ही खुद दिल को अपने पारा पारा कर…

Continue

Added by Nilesh Shevgaonkar on December 5, 2013 at 7:00am — 17 Comments

ग़ज़ल -निलेश 'नूर' -लोग फिर

ग़ज़ल 

लोग फिर बातें बनाने आ गए,

यार मेरे, दिल दुखाने आ गए. 

...

जिंदगी का ज़िक्र उनसे क्या करूँ,

मौत को जो घर दिखाने आ गए.

...

रूठनें का लुत्फ़ आया ही नहीं,

आप पहले ही मनाने आ गए. 

...

दो घडी बैठो, ज़रा बातें करो,

ये भी क्या बस मुँह दिखाने आ गए.

...

जेब अपनी जब कभी भारी हुई,      

लोग भी रिश्ते निभाने आ गए.

...

राह से गुज़रा पुरानी जब कभी,

याद कुछ चेहरे पुराने आ गये. …

Continue

Added by Nilesh Shevgaonkar on December 2, 2013 at 8:00am — 19 Comments

Monthly Archives

2025

2024

2023

2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
11 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
13 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service