For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

UMASHANKER MISHRA's Blog (6)

उपकार को नमन

आता है हर साल मेरे राह में गुजर

शहिदों की यादें लिए त्यौहार को नमन

वो तो चले गये जो सदा रहेंगें अमर

उनके खूँ के गर्मी के उपकार को नमन

सम्हालना था जिन्हें इस देश की डगर

जाने कहाँ खो गये उनका भी हो नमन

लूटने…

Continue

Added by UMASHANKER MISHRA on August 15, 2012 at 1:20am — 6 Comments

मै ने ही दलाली खायो

भैय्या मोरे मैन हीं दलाली खायो ...भैय्या मोरे मै नहीं दलाली खायो

ये पार्टी और वो पार्टी मिलकर ...म्हारे मुख लपटायो ..

रे भैय्या मोरे मैनहीं दलाली खायो

देश को ऊंचो नाम करन को

भाइयो के पेट भरण को

कामन वेल्थ करवायो .. रे भैय्या मोरे मैन हीं घपलों करवायो

उनकी गाड़ी पेट्रोल पियत है

म्हारी तो मुफ्त मा चलत है

म्हारी बहु ने पुत्र वधु कह कर

ठेकों मैंने दिलवायो .....पर भैय्या मोरे मै नहीं  दलाली खायो

जब जब जरुरत उनको पड़ी…

Continue

Added by UMASHANKER MISHRA on July 5, 2012 at 10:25pm — 7 Comments

कस लो तीर कमान

कोई जड़ है खोद रहा कोई डाले खाद

हंगामा ऐसा करो  लोग करे फरियाद



फरियादी की आड़ में कोई झोंके भाड़

जबभी डंडा बरसे है कोई हो गया आड़



कोई का मतलब बड़ा राजनीती के लोग

आगे करके जनता को खूब लगाये भोग



आग लगी पेट्रोल में हंगामा था…

Continue

Added by UMASHANKER MISHRA on June 15, 2012 at 12:00am — 6 Comments

परिवर्तन

अग्नि प्रज्वलित हुई धरा पर

परिवर्तन एक गढ़ने को

चला काफिला जनतंत्री का

अब नव चिंतन करने को

नकली रूपया नकली वस्तु

खेल हो रहा ठगने को

महंगाई है खून चूसती

बढ़ रही पिसाचिन मरने को…

Continue

Added by UMASHANKER MISHRA on June 4, 2012 at 11:30am — 17 Comments

खून के उफान को ....

टूटते हैं टूटने दो, अब ह्रदय के तार को

छूटते हैं छूटने दो, खून के उफान को

हटो छोडो रास्ता अब, कफ़न सर पर लिये हैं

मौत से अब डर किसे है, मौत से लगते गले हैं

सह चुके अब ना सहेंगे, इस देश के अपमान को

टूटते हैं टूटने दो, अब ह्रदय के तार को

विश्व में उपहास के, कारण बनाये जाते हैं

खद्दरों के भेष में, दीमक हजम कर जाते हैं

इस देश की संपत्ति और, इस देश के सम्मान को

छूटते हैं छूटने दो, खून के उफान को

आम आदमी यहाँ, हाशिए में होता है

जिंदगी कि दौड…

Continue

Added by UMASHANKER MISHRA on June 2, 2012 at 12:30am — 14 Comments

भारत बंद

खुल जा सिम सिम बंद हो जा सिम सिम –दुकान हो या कार्यालय बंद करना,कराना,या खुलवाना,यह तमाशा भारत बंद के मौके पर देखने या दिखाने का मधुर दृश्य दृष्टिगोचर होता है|

                भारत बंद हम भारतीयों का राष्ट्रिय त्यौहार है. पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए, और हमें तो भारत बंद कराने के लिए एक सरकार की टेढ़ी चाल का इंतजार रहता है|यह त्यौहार प्रति वर्ष किसी भी महीने में मनाया जा सकता है|सरकार को भारत बंद को…

Continue

Added by UMASHANKER MISHRA on May 27, 2012 at 2:00pm — 6 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service