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कोई जड़ है खोद रहा कोई डाले खाद
हंगामा ऐसा करो  लोग करे फरियाद

फरियादी की आड़ में कोई झोंके भाड़
जबभी डंडा बरसे है कोई हो गया आड़

कोई का मतलब बड़ा राजनीती के लोग
आगे करके जनता को खूब लगाये भोग

आग लगी पेट्रोल में हंगामा था खूब
मुद्दा कोई बदल दिया जनता गई डूब

मालपुए इनको मिले थप्पड़ जन के गाल
राजनीती के लोगों की शतरंजी है चाल

एक बार प्रभु जागके फाड़दो इनकी ढोल
भ्रष्टभ्रष्ट महा भ्रष्टता कितनी खोलें पोल

अन्याय सह चुप बैठते पाप बड़ा प्रचंड
गीता भी है बांचती न्याय हित हो दंड

कब तक सहते जाओगे बने रहोगे धीर
जागो जागो हे जागो हे भारत के वीर

विनय विनम्रता का यहाँ होता है अपमान
छोडो ऐसी जिंदगी कस लो तीर कमान   



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Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on June 19, 2012 at 11:59pm

मालपुए इनको मिले थप्पड़ जन के गाल
राजनीती के लोगों की शतरंजी है चाल 

कब तक सहते जाओगे बने रहोगे धीर 
जागो जागो हे जागो हे भारत के वीर 

विनय विनम्रता का यहाँ होता है अपमान 
छोडो ऐसी जिंदगी कस लो तीर कमान  

आदरणीय मिश्र जी ..सुन्दर सन्देश देती जोश जगाती रचना ..आज इसी की जरुरत है कब तक और क्यों सहते ही जाएँ ......

भ्रमर ५ 

 

Comment by Nilansh on June 16, 2012 at 10:15am

bahut badhaai umashankar ji aapko acchi rachna ke liye

saadar

Comment by Albela Khatri on June 15, 2012 at 11:04pm

Comment by UMASHANKER MISHRA on June 15, 2012 at 10:58pm

आदरणीय कुशवाहा जी का  पाकर आशीर्वाद

कलम सफल हो जायेगी मिलती  रहे ये खाद

अलबेला जी भर रहे देखो हम पर पम्प

अब तो मच ही जायेगा चारों तरफ हडकंप

आदरणीय कुशवाहा जी प्रिय अलबेला जी आपका तहे दिल से शुक्रगुजार

 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 15, 2012 at 6:23pm

कब तक सहते जाओगे बने रहोगे धीर 
जागो जागो हे जागो हे भारत के वीर 


विनय विनम्रता का यहाँ होता है अपमान 
छोडो ऐसी जिंदगी कस लो तीर कमान   

 

शानदार है  ललकार 

क्यों  सह रहे अत्याचार 

बधाई वीर  भाई उमा शंकर जी, सादर 

Comment by Albela Khatri on June 15, 2012 at 12:01pm

क्या कहने  उमाशंकर जी...........आज तो आपने  ढोल  ही फाड़ दिया . बड़े तीखे तेवर हैं जनाब  !

एक बार प्रभु जागके फाड़दो इनकी ढोल
भ्रष्टभ्रष्ट महा भ्रष्टता कितनी खोलें पोल

अन्याय सह चुप बैठते पाप बड़ा प्रचंड
गीता भी है बांचती न्याय हित हो दंड

कब तक सहते जाओगे बने रहोगे धीर
जागो जागो हे जागो हे भारत के वीर

विनय विनम्रता का यहाँ होता है अपमान
छोडो ऐसी जिंदगी कस लो तीर कमान  

___मज़ा आ गया .........जगाओ, जगाओ, जगाओ..........ये देश को जगाने का वक्त है

______अभिनन्दन सभी दोहों का ...जय हिन्द !

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