कोई जड़ है खोद रहा कोई डाले खाद
हंगामा ऐसा करो लोग करे फरियाद
फरियादी की आड़ में कोई झोंके भाड़
जबभी डंडा बरसे है कोई हो गया आड़
कोई का मतलब बड़ा राजनीती के लोग
आगे करके जनता को खूब लगाये भोग
आग लगी पेट्रोल में हंगामा था खूब
मुद्दा कोई बदल दिया जनता गई डूब
मालपुए इनको मिले थप्पड़ जन के गाल
राजनीती के लोगों की शतरंजी है चाल
एक बार प्रभु जागके फाड़दो इनकी ढोल
भ्रष्टभ्रष्ट महा भ्रष्टता कितनी खोलें पोल
अन्याय सह चुप बैठते पाप बड़ा प्रचंड
गीता भी है बांचती न्याय हित हो दंड
कब तक सहते जाओगे बने रहोगे धीर
जागो जागो हे जागो हे भारत के वीर
विनय विनम्रता का यहाँ होता है अपमान
छोडो ऐसी जिंदगी कस लो तीर कमान
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मालपुए इनको मिले थप्पड़ जन के गाल
राजनीती के लोगों की शतरंजी है चाल
कब तक सहते जाओगे बने रहोगे धीर
जागो जागो हे जागो हे भारत के वीर
विनय विनम्रता का यहाँ होता है अपमान
छोडो ऐसी जिंदगी कस लो तीर कमान
आदरणीय मिश्र जी ..सुन्दर सन्देश देती जोश जगाती रचना ..आज इसी की जरुरत है कब तक और क्यों सहते ही जाएँ ......
bahut badhaai umashankar ji aapko acchi rachna ke liye
saadar
आदरणीय कुशवाहा जी का पाकर आशीर्वाद
कलम सफल हो जायेगी मिलती रहे ये खाद
अलबेला जी भर रहे देखो हम पर पम्प
अब तो मच ही जायेगा चारों तरफ हडकंप
आदरणीय कुशवाहा जी प्रिय अलबेला जी आपका तहे दिल से शुक्रगुजार
कब तक सहते जाओगे बने रहोगे धीर
जागो जागो हे जागो हे भारत के वीर
विनय विनम्रता का यहाँ होता है अपमान
छोडो ऐसी जिंदगी कस लो तीर कमान
शानदार है ललकार
क्यों सह रहे अत्याचार
बधाई वीर भाई उमा शंकर जी, सादर
क्या कहने उमाशंकर जी...........आज तो आपने ढोल ही फाड़ दिया . बड़े तीखे तेवर हैं जनाब !
एक बार प्रभु जागके फाड़दो इनकी ढोल
भ्रष्टभ्रष्ट महा भ्रष्टता कितनी खोलें पोल
अन्याय सह चुप बैठते पाप बड़ा प्रचंड
गीता भी है बांचती न्याय हित हो दंड
कब तक सहते जाओगे बने रहोगे धीर
जागो जागो हे जागो हे भारत के वीर
विनय विनम्रता का यहाँ होता है अपमान
छोडो ऐसी जिंदगी कस लो तीर कमान
___मज़ा आ गया .........जगाओ, जगाओ, जगाओ..........ये देश को जगाने का वक्त है
______अभिनन्दन सभी दोहों का ...जय हिन्द !
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