For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तड़प रही है

गर्म रेत पर

मरती हुई नदी

पहले तो बाँधों ने लूटा

फिर पावर प्लांटों ने लूटा

तिस पर सारे नाले मिलकर

हर पल इसको देते कैंसर

जल्द हमारे कंधों पर

होगी ये लाश लदी 

मरती नदियाँ मरते जंगल

पूँजी का मंगल ही मंगल

छोड़ सूर्य की साफ ऊर्जा

होता जीवाश्मों पर दंगल

बात-बात पर खाँस रही है

ये बीमार सदी

गर्म हो रही सारी दुनिया

भजन करें सब ले हरमुनिया

प्रभु जी झूम रहे हैं सुनकर

सिसक रहा बेचारा फ़्यूचर

मंदिर पर मंदिर बनवाए

पूँजी की नकदी

----------------------

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 403

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 15, 2022 at 3:59pm

आ. भाई धर्मेंद्र जी, सादर अभिवादन। अच्छा नवगीत हुआ है। हार्दिक बधाई।

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on November 14, 2022 at 12:37pm

बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय जयनित कुमार मेहता जी। सुधार कर दिया है। 

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on November 14, 2022 at 12:36pm

बहुत बहुत शुक्रिया जनाब Samar kabeer साहब। सुधार कर दिया है। देर से उत्तर देने के लिए क्षमा चाहता हूँ। कुछ व्यस्तता थी इधर बीच। 

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on November 14, 2022 at 12:35pm

बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय Mahendra Kumar जी 

Comment by Mahendra Kumar on October 2, 2022 at 7:41am

पर्यावरणीय चिन्ताओं पर बढ़िया नवगीत लिखा है आपने आ. धर्मेन्द्र जी। हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। कृपया गुणीजनों का संज्ञान लें।

Comment by Samar kabeer on September 16, 2022 at 3:35pm

जनाब धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी आदाब, हालात-ए-हाज़िरा पर अच्छा नवगीत लिखा आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें I 

'होता है कोयले पर दंगल'--इस पंक्ति की मात्राएँ एक बार चेक कर लें I 

Comment by जयनित कुमार मेहता on September 16, 2022 at 12:55am

आदरणीय धर्मेन्द्र जी, इस नवगीत के माध्यम से वर्तमान परिदृश्य का सटीक चित्रण किया है आपने। रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gurpreet Singh jammu replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"मुशायरे की अच्छी शुरुआत करने के लिए बहुत बधाई आदरणीय जयहिंद रामपुरी जी। बदलना ज़िन्दगी की है…"
41 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी, पोस्ट पर आने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"पगों  के  कंटकों  से  याद  आयासफर कब मंजिलों से याद आया।१।*हमें …"
4 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय नीलेश जी सादर अभिवादन आपका बहुत शुक्रिया आपने वक़्त निकाला मतला   उड़ने की ख़्वाहिशों…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उन्हें जो आँधियों से याद आया मुझे वो शोरिशों से याद आया अभी ज़िंदा हैं मेरी हसरतें भी तुम्हारी…"
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. शिज्जू भाई,,, मुझे तो स्कॉच और भजिये याद आए... बाकी सब मिथ्याचार है. 😁😁😁😁😁"
8 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया  टपकने जा रही है छत वो…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय दयाराम जी मुशायरे में सहभागिता के लिए हार्दिक बधाई आपको"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय निलेश नूर जीआपको बारिशों से जाने क्या-क्या याद आ गया। चाय, काग़ज़ की कश्ती, बदन की कसमसाहट…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, मुशायरे के आग़ाज़ के लिए हार्दिक बधाई, शेष आदरणीय नीलेश 'नूर'…"
8 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"ग़ज़ल — 1222 1222 122 मुझे वो झुग्गियों से याद आयाउसे कुछ आँधियों से याद आया बहुत कमजोर…"
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"अभी समर सर द्वारा व्हाट्स एप पर संज्ञान में लाया गया कि अहद की मात्रा 21 होती है अत: उस मिसरे को…"
9 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service