For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अधरों का कम्पन
पुष्प से कोमल कपोल
मनमोहक मादक अदा
मद मस्त अगड़ाई
गीले बालों का झरना
तिरछी मदभरी पलके
केश रूपी लतिका की
ओट से निहारना
हाय !उनका अनछुआ स्पर्श

अंग अंग से टपकती कामुकता
प्रेम की बहती शीतल बयार
नसों का रुधिर वेग बेकाबू
आलिंगन को मै बेकल 
वातावरण जैसे 
अदभुत जादुई ग्रह हो
पुर्णतः पाषाण शिला सा मैंने
निःशब्द  प्रेम का आह्वान किया

राम शिरोमणि पाठक"दीपक"
मौलिक /अप्रकाशित

Views: 488

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ram shiromani pathak on August 20, 2013 at 4:51pm

हार्दिक आभार आदरणीया गीतिका जी//सादर 

Comment by वेदिका on August 20, 2013 at 4:43pm

सुंदर और सुकोमल शब्दों का समावेश किया कविता में| प्रथम दृष्टया तो प्रतीत हुआ की कोई पुरानी हिंदी फिल्म देख रही हूँ!!

बधाई !!

Comment by ram shiromani pathak on August 20, 2013 at 4:20pm

हार्दिक आभार आदरणीय विजय मिश्र जी/सादर 

Comment by ram shiromani pathak on August 20, 2013 at 4:19pm

हार्दिक आभार भाई जीतेन्द्र जी/सादर 

Comment by ram shiromani pathak on August 20, 2013 at 4:19pm

हार्दिक आभार भाई अमन कुमार जी/सादर 

Comment by ram shiromani pathak on August 20, 2013 at 4:18pm

हार्दिक आभार आदरणीया वसुंधरा जी/सादर 

Comment by विजय मिश्र on August 8, 2013 at 11:33am
रामशिरोमणीजी , रसों में पगी जीलेबी से कम रसदार नहीं है आपकी कविता एकदम कुरमुरी और अंत की दो पंक्तियाँ अचानक मन को शांत कर देतीं हैं .बहुत सुंदर सृजन , बधाई आपको .
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 8, 2013 at 9:16am

अधरों का कम्पन
पुष्प से कोमल कपोल
मनमोहक मादक अदा
मद मस्त अगड़ाई .............बहुत ही सुंदर पंक्ति

मनमोहने वाली रचना पर,हार्दिक बधाई आदरणीय राम भाई

Comment by aman kumar on August 7, 2013 at 3:32pm

सच मे आपने एक आकर्षण बना दिया अपने प्रितम को 

आभार 

Comment by Vasundhara pandey on August 7, 2013 at 11:36am

बहुत ही सुन्दर प्रेम का आह्वान...प्रेम से ओत प्रोत रचना के लिए बधाई आपको...!!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

surender insan commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई जी  छन्न पकैया (सारछंद) में आपने शानदार और सार्थक रचना की है। बहुत बहुत बधाई…"
35 minutes ago
surender insan commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय आज़ी भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करे जी।"
40 minutes ago
surender insan commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सौरभ जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल पर आने के लिए और अपना कीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत बहुत…"
46 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय सुशिल भाई , अच्छी दोहा वली की रचना की है , हार्दिक बधाई "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरनीय आजी भाई , अच्छी ग़ज़ल कही है हार्दिक बधाई ग़ज़ल के लिए "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"अनुज बृजेश , ग़ज़ल की सराहना और उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
4 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज जी इस बह्र की ग़ज़लें बहुत नहीं पढ़ी हैं और लिख पाना तो दूर की कौड़ी है। बहुत ही अच्छी…"
11 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. धामी जी ग़ज़ल अच्छी लगी और रदीफ़ तो कमल है...."
12 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"वाह आ. नीलेश जी बहुत ही खूब ग़ज़ल हुई...."
12 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आदरणीय धामी जी सादर नमन करते हुए कहना चाहता हूँ कि रीत तो कृष्ण ने ही चलायी है। प्रेमी या तो…"
12 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आदरणीय अजय जी सर्वप्रथम देर से आने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ।  मनुष्य द्वारा निर्मित, संसार…"
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service